प्रदूषण में आई कमी से फसल पर कीटों और रोगो का होगा हमला कम 

भदोही । लाॅक डाउन में कारखानों और वाहनों के न चलने से पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आई है , वायुमंडल में छाए धूल के कणों का आवरण हट गया है , सूर्य के ताप बिना किसी रूकावट के सीधे जमीन पर आएगा , ऐसे में रबी फसलों की कटाई के बाद खाली रहने वाले खेतों की गहरी जुताई किए जाने से मिट्टी को संजीवनी मिल जाएगी , गहरी जुताई से फसल के अवशेष जड़ , तना, डंठल और पत्तियां मिट्टी में दब जाएंगी , वर्षाकाल में सभी सड़कर खेत में जीवांश पदार्थ की मात्रा को बढ़ाएंगे , इससे उपज में बढ़ोतरी होगी फसलों पर रोगों और कीटों का हमला भी कम होगा ।
ऐसे करें जुताई : गर्मी के मौसम में खेत की जुताई खेत की ढाल के विपरीत करें , इससे बारिश का पानी ज्यादा से ज्यादा खेत द्वारा सोखा जाएगा , इससे जमीन का कटाव रोकने में भी मदद मिलेगी , हल्की और रेतीली जमीन में ज्यादा जुताई न करें क्योंकि इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती हैं , और बरसात में मिट्टी का कटाव बढ़ जाता है |

वायुमंडल की शुद्धता में होगा माटी का तापीय उपचार 

नष्ट हो जाएंगे हानिकारक कीट : गर्मी की जुताई से रवि की फसलों पर लगे हुए हानिकारक कीटों के अंडे और लार्वा, जो जमीन की दरारों में छुपे होते हैं , मई-जून की तेज धूप से सभी हानिकारक कीट पतंगा नष्ट हो जाएंगे , अगली फसल में कीटों के हमले की संभावना कम हो जाती है |
मिट्टी जनित रोगों से बचाव : गहरी जुताई से खरपतवारो के बीज सूर्य के ताप से नष्ट हो जाएंगे। शेष बीज ज्यादा गहराई में पहुंच जाएंगे उनका अंकुरण नहीं हो पाएगा , नतीजतन खरपतवार से निजात मिल जाएगी ।
कीटनाशकों के प्रभाव में आएगी कमी : रबी और खरीफ की फसलों में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों का अवसर जमीन में गहराई तक चला जाता है , गर्मी में जुताई कर देने से मृदा में उसका प्रभाव बहुत कम हो जाता है तेज धूप से यह जहरीले रसायन विघटित हो जाते हैं , खेत में असर ना के बराबर रह जाएगा ।

खेत में जीवांश पदार्थों की मात्रा में होगी बढ़ोतरी

बढ़ेगा खेतों में वायु संचार : कृषि के जानकार हृदय नारायण के अनुसार एक ही सतह पर बार-बार ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों से जुताई व सिंचाई करने से मिट्टी के कणों के बीच का खाली स्थान कम हो जाता है  , खेत की मिट्टी सख्त व कठोर हो जाती है , इससे मिट्टी में हवा का आवागमन रुक जाता है , इस कारण खेत की उर्वरता कम हो जाती है , गर्मी की जुताई से मिट्टी की नमी खत्म होने लगती है , और कणों के बीच का खाली स्थान बढ़ जाता है , इससे रंध्र में हवा का आना-जाना होने लगता है जो फसल की सेहत के लिए अच्छा होता है ।