बॉम्बे HC ने अर्नब गोस्वामी को दी अंतरिम राहत

मुंबई |       इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की आत्महत्या मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है और अदालत ने इस केस की सुनवाई के दौरान उन्हें अलीबाग कोर्ट में फिजिकल अपीयर होने से राहत दे दी है इस मामले में 10 मार्च को मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई होनी है और अर्नब ने हाई कोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की गुहार भी लगाई है जिस पर अदालत 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा , आपको बता दे कि अर्नब , फिरोज शेख और नितेश सारडा को 4 नवंबर 2020 को अलीबाग में रहने वाले इंटीरियर डिजाइनर अन्‍वय नायक और उनकी मां को वर्ष 2018 में आत्‍महत्‍या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 11 नवंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर बाहर हैं बता दे कि अर्नब और इन दोनों पर अन्‍वय के बकाया का भुगतान नहीं करने का आरोप है      |

बता दे कि अर्नब के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है और इस मामले में रायगढ़ पुलिस 1900 पन्नों की चार्जशीट भी दायर कर चुकी है जिसमें 65 लोगों का बयान दर्ज हुआ है अर्नब के साथ फिरोज शेख और नितेश सारडा को भी आरोपी बनाया गया है एवं सभी पर IPC की धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया है इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक अपनी मां कुमुद नाइक के साथ मई 2018 में अलीबाग में उनके बंगले में मृत पाए गए थे और अन्वय बंगले के पहली मंजिल पर लटका हुआ पाया गया था और इस घटना के बाद एक सुसाइड नोट मिला था जो कथित तौर पर अन्वय ने लिखा था , इस सुसाइड नोट में अन्वय ने आरोप लगाया था कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है जिसके चलते उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है उन्हें तीन कंपनियों के मालिकों द्वारा बकाया पैसों की मंजूरी नहीं दी गई थी जिसमें रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी , आई कास्ट/स्काई मीडिया फिरोज शेख और स्मार्ट वर्कर्स के नीतीश सारडा शामिल हैं जांच में पता चला की अन्वय कर्ज में था और कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष कर रहा था और पुलिस ने भी कहा था कि अन्वय ने आत्महत्या की थी          |