भारी वर्षा के बीच श्रावक सम्मेलन का हुआ शानदार आयोजन

ठाणे । साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में ठाणा तेरापंथ भवन के विशाल एवं रमणीय हॉल में तेरापंथी सभा ठाणा के तत्वाधान में श्रावक सम्मेलन का भव्य समायोजन किया गया , भयंकर बरसात में भी मुम्बई महानगर के अनेक क्षेत्रों से सैकङों-सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित होकर श्रद्धा और भक्ति का परिचय दिया ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में सी.ए. राकेश खटेड उपस्थित थे , मुम्बई सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूलाल बाफना, मंत्री विजय पटवारी, सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद कच्छारा, सुनील कच्छारा, टी.पी.एफ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सलिल लोढा, तुलसी महाप्रज्ञ फाउंडेशन के मंत्री कमलेश बोहरा तथा मुम्बई की विभिन्न सभा संस्थाओ के पदाधिकारी उपस्थित थे , साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा मैं सर्वप्रथम साधुवाद दे रही हु यहाँ उपस्थित इस विशाल परिषद को जिन्होंने प्रकृति के सामने घुटने न टेककर दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है , नमन करती हूं श्रावकों की श्रद्धा व भक्ति को जिन्होंने मौसम के मिजाज को मत दी है ।
 हमारा संघ समंदर है , हर बून्द मोती बनकर संघ की सभा बढ़ा रही है संघ हमारे लिए त्राण, प्राण, शरण, गति, प्रतिष्ठा है संघ की प्रतिष्ठा हमारी प्रतिष्ठा है, संघ का सन्मान हमारा सन्मान है , संघ का गौरव हमारा गौरव है , संघ के गौरव को शिखरों तक पंहूचाने के लिए हम अपनी श्रम व शक्ति तथा समय का नियोजन करें , हमारे संघ के सिरमौर संघ-शिरोमणि, अंहिसा यात्रा के महासारथी आचार्य श्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ मुम्बई महानगर में पधारने वाले है , बड़े मेहमानों की अगवानी में बड़ी तैयारियां करनी है , अपने चिंतन सोच व कल्पना शक्ति का सकारात्मक दिशा देकर पूज्यश्री के चातुर्मास को स्वर्णिम व ऐतहासिक ही नही अपितु इसे महाऐतहासिक बनाना है , एवं सिंह चातुर्मास का वरदान प्राप्त करना है ।

साध्वी श्री ने कहा चेन्नई के समागत भी भाई राकेश प्रखर वक्ता, चिन्तनशील, कर्मशील एवं समीक्षक है , इनकी संघ निष्ठा बेजोड़ है , ज्ञान का दायोपशम बड़ा तीव्र है , ज्ञान पिपाषा बढ़ती रहे , मंगलकामना , ठाणा तेरापंथी सभा मे बढ़ा उत्साह है , श्रावक सम्मेलन की बड़ी तैयारियां की है , समस्त तेयुप ठाणा के युवकों ने अच्छा श्रम किया है , महिलामंडल व कन्यामंडल ने भी सहभागिता दर्ज कराई है , भाई मेघराज का उदार सहयोग प्राप्त हुआ है , बडा समर्पित एवं सहज व्यतितत्व है , साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ने अपने प्रेरक व्यक्तत्व में कहा भगवान महावीर ने साधु धर्म के साथ साथ श्रावक धर्म की प्ररूथणा की ।
श्रावक कभी जन्मजात नही होता, अनुयायी तो जन्मजात हो सकता है, किंतु श्रावक नही , श्रावक तभी बनता है, जब वह व्रत चेतना से जुड़े , श्रावक वह होता है , जो कर्मशील, करुणाशील,श्रद्धाशील, विनयशील होता है , आज समाज मे श्रावक कार्यकर्ता की अपेक्षा है , श्रावक कार्यकर्ता काम करता है, किंतु श्रेय की माला स्वयं न पहनकर पूरी टीम को पहनाता है , हम चाहते है दो हजार तेईस तक श्रावक कार्यकर्ताओं की एक कतार तैयार हो , श्रावक कार्यकर्ता मंच पर नही मन में बैठता है , मन मे बैठने वाला ही बड़े काम कर सकता है , श्रावक सम्मेलन श्रावकों को नई दिशा मिले ,
मुख्य वक्ता राकेश खटेड ने पूज्यश्री को नव संकल्पों की सौगात समर्पित करने की बात कही  ।
साध्वी कर्णिकाश्रीजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी स्मतव्यशाजी, साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई ,
ठाणा सभाध्यक्ष देवीलाल श्रीश्रीमाल, मुम्बई सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूलाल बाफना, पूर्व अध्यक्ष विनोद कच्छारा, ठाणा सभा के सहमंत्री पवन ओस्तवाल ने विचार व्यक्त किये , घाटकोपर भजन मंडली ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी , ठाणा नवयुवती मंडल ने मंगल संगान किया , कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा के मंत्री जितेंद्र बरलोटा ने किया ।
व्यवस्था को शानदार ढंग से समायोजित करने के लिए तेरापंथी सभा ठाणा के पदाधिकारियों एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं का अति श्रम रहा , समस्त तेयुप ठाणे के पदाधिकारियों एवं उत्साही कार्यकर्ताओ ने व्यवस्थापन की सुघड़ता प्रदान की  , समस्त महिला मंडल ठाणे व कन्या मंडल का सराहनीय सहयोग रहा , भिक्षु महाप्रज्ञ ट्रस्ट के विशेष सहयोग प्राप्त हुआ , कार्यक्रम के प्रायोजक सोहनलाल धाकड़, अजित धाकड़, मेघराज धाकड़ का तेरापंथ ठाणा सभा के अध्यक्ष देवीलाल श्रीश्रीमाल व मंत्री जितेंद्र बरलोटा ने आभार ज्ञापन किया  ।