महर्षि वाल्मीकि जयंती व अभासा परिषद के 55 वें स्थापना दिवस पर हुई संगोष्ठी

ठाणे |     अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र के तत्वावधान में शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर महर्षि वाल्मीकि जयंती के साथ संस्था के ५५ वें स्थापना दिवस को भी 31 अक्टुबर 2020 शनिवार को मनाया गया , महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद और भारतीय साहित्य पर व्याख्यान भी रखा गया , जिसके वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार , लेखक डॉ. दिनेश प्रताप सिंह (राष्ट्रीय मंत्री- अ.भा.साहित्य परिषद) थे , इस वेब संवाद में सभी साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया था , सभी ने सहभागिता निभाई , डाॅ. सिंह ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र व भारतीय साहित्य के मूलभूत उद्देश्यों को रखते हुए कहा कि भारत भूमि की धरती पर ही नहीं , देश के हर प्रदेशों में बोली जाने वाली प्रादेशिक बोली एक साहित्य है और संपूर्ण भारत के साथ पूरे देशों में इनकी विधाओं को प्रयोग में लाने चाहिए और इसके साथ – साथ हिन्दी का भी प्रचार – प्रसार होना चाहिए , जिससे हम गौरवान्वित होंगे , उक्त संगोष्ठी का संयोजन डॉ. नरेन्द्र पाठक (अध्यक्ष-अभासाप , कोंकण प्रांत) , डॉ.बी.एन.गायकवाड़ (महामंत्री-अभासाप , कोंकण प्रान्त) ने किया , गोष्ठी उपरांत उपस्थित सभी साहित्यकारों का संयोजक ने आभार व्यक्त किया और गोष्ठी का समापन किया    |