महाराष्ट्र में महागठबंधन में दरार सामना में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पर निशाना
राजनीति की यह पुरानी खटिया क्यों कुरकुर की आवाज कर रही है : शिवसेना
लिखा गया है – ‘खाट पर बैठे अशोक चव्हाण ने भी इंडियन एक्सप्रेस को साक्षात्कार दिया और उसी संयम से कुरकुराए – सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन सरकार में हमारी बात सुनी जाए प्रशासन के अधिकारी विवाद पैदा कर रहे हैं, हम मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे , अब ऐसा तय हुआ कि कुरकुर की आवाज वाली खाट के दोनों मंत्री महोदय मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात कहने वाले हैं , मुख्यमंत्री उनकी बात सुनेंगे और निर्णय लेंगे लेकिन, कांग्रेस क्या कहना चाहती है राजनीति की यह पुरानी खटिया क्यों कुरकुर की आवाज कर रही है ? हमारी बात सुनो का मतलब क्या है ? यह भी सामने आ गया है थोराट और चव्हाण दिग्गज नेता हैं , जिन्हें सरकार चलाने का बहुत बड़ा अनुभव है हालांकि उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह का लंबा अनुभव शरद पवार और उनकी पार्टी के लोगों को भी है हालांकि कुरकुर या कोई आहट नहीं दिख रही । ’
जबकि शिवसेना की संपादकीय के बाद विवाद गहरा गया इसे शांत करने के लिए राज्यसभा सांसद संजय राउत सामने आए मंगलवार को उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के सभी कैबिनेट मंत्रियों के बीच समन्वय एक दम सही है , कोई नाराज नहीं है, सीएम बालासाहब थोराट और अशोक चव्हाण से बात करेंगे जैसे ही राज्य से कोरोना संकट खत्म होगा, सीएम ठाकरे सभी की बात फिर से सुनेंगे , तो वही कांग्रेस-शिवसेना के बीच खड़े हुए इस विवाद में मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम भी कूद गए हैं एक ट्वीट के माध्यम से निरुपम ने शिवसेना पर निशाना साधा है कांग्रेस नेता ने लिखा है,”कांग्रेस को पुरानी खटिया बताने वाली शिवसेना भूल गई है कि जिस सत्ता पर वह इतरा रही है, वह कांग्रेस के समर्थन के बगैर उसे नसीब नहीं होती कांग्रेस के मंत्री मुख्यमंत्री से मिलने का टाईम मांग रहे हैं, मुख्यमंत्री उन्हें छोड़कर सबसे मिल रहे हैं सत्ता के मोह में कितना झेलना ?”
इस मामले में भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने कहा- ‘ये लोग (महाविकास आघाड़ी) पुरानी खाट की आवाज पर बात कर रहे हैं, लेकिन दुख की बात है कि इन्हें महाराष्ट्र के अस्पतालों में बेड की कमी के चलते कोरोना मरीजों की मौत की कोई चिंता नहीं है महाविकास आघाड़ी सिर्फ खाट और कुर्सी के बारे में सोचने में मशगूल है यह भी सोचने वाली बात है कि इतनी बेइज्जती के बाद क्या कांग्रेस और राकांपा में कोई आत्म-सम्मान बचा है ? महाराष्ट्र चीन बन गया है (कोरोना के मामले में) और ये लोग आपस में ही लड़ने पर आमादा हैं’ इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वे सरकार गिराने का प्रयास नहीं कर रहे हैं लेकिन ये सरकार अपने अंतर्विरोध के चलते गिर जाएगी , बता दे कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने हाल में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में महाराष्ट्र सरकार की नौकरशाही के कामकाज पर प्रश्न उठाए थे और इसे दुरुस्त करने का आह्वान किया था उनके इस बयान पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में जवाब दिया गया है, जबकि राकांपा प्रमुख शरद पवार की तारीफ की गई महाराष्ट्र में तीन दलों (महाविकास आघाड़ी) शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा की सरकार है , जबकि सरकार बनाने के लिए विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 145 सीटें चाहिए लेकिन शिवसेना 56 , राकांपा 54 और कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं ऐसे में अगर कांग्रेस खफा होकर समर्थन वापस लेती है तो ठाकरे सरकार गिर जाएगी इसीलिए कांग्रेस के नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंगलवार को बाला साहब थोराट और अशोक चव्हाण के साथ बैठक करेंगे ।