मुंबई के डिब्बावालों के मूल गांव मावड़ पहुंचे डॉ. योगेश दुबे

मुंबई |     मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के माध्यम से सरकारी तथा गैर सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले हजारों अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उनके घरों से दोपहर का ताजा खाना पहुंचाने के चलते गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करानेवाले मुंबई के डिब्बावालों की एक विशिष्ट पहचान तथा सम्मान है लॉकडाउन के चलते अन्य लोगों की तरह मुंबई के डिब्बावालों पर भी परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा ऐसे भी उत्तर भारतीय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से अलंकृत डॉ. योगेश दुबे ने आगे आकर मुंबई के डिब्बावालों के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की आयोग के निर्देश के बाद मुंबई के डिब्बावालों ने राहत की सांस ली यही नहीं डॉ. योगेश दुबे ने 2 अक्टूबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर मुंबई के डिब्बावालों से जुड़ी अनेक समस्याओं से उन्हें अवगत कराया राज्यपाल ने महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव को फोन कर एक सप्ताह के भीतर मुंबई के डिब्बावालों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश दिया है मुंबई के डिब्बावालों के प्रति असीम प्यार के चलते डॉ. योगेश दुबे अपने सहयोगियों के साथ पुणे स्थित उनके मूल गांव मावड़ पहुंच गए मावड़ गांव पहुंचकर डॉ. योगेश दुबे ने 2000 परिवारों को मुफ्त खाद्य सामग्री वितरित करके उनका हौसला अफजाई की इस अवसर पर उत्तर भारतीय महासंघ के महासचिव रमेश मिश्रा , दीपक विश्वकर्मा , उल्लास मुके , करोंदे तथा डॉ. प्रमोद दलवी विशेष रूप से उपस्थित रहे    |