मुंबई से बालाघाट तक हुई नव साहित्य कुंभ की गोष्ठियां 

मुंबई |      भारतीय साहित्य की वसुंधरा पर नवोदित साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ विगत दो महिने से संपूर्ण भारत में जहाँ एक पहचान बना रही है वहीं एक प्रदेश को दूसरे प्रदेश के साहित्यकारों को साहित्यिक दृष्टिकोण से जोड़ने का प्रयास संस्थापक रामस्वरूप प्रीतम (श्रावस्ती) , अध्यक्ष अनिल कुमार राही (मुंबई) , संयोजक संजय द्विवेदी (कल्याण- महाराष्ट्र) , सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर (लखीमपुर खीरी) , संरक्षक दिवाकर चंद्र त्रिपाठी (छत्तीसगढ़) एवं मीडिया प्रभारी कवि विनय शर्मा दीप (ठाणे-महाराष्ट्र) के संयोजन में कर रही हैं गोष्ठियों की प्रथम श्रृंखला में गुरूवार , दिनांक 5 नवंबर 2020 को साहित्य की प्रखर हस्ताक्षर प्रमीला किरण के सफल संचालन में रिंकी सिंह साहिबा (सिवान – बिहार) , वरिष्ठ गज़लकार , पत्रकार रवि यादव (आजमगढ़-उप्र) , नवाकुंर कवि सानिध्य गुप्ता (दिल्ली) , सारिका सिंघानियाॅ (रायपुर – छत्तीसगढ़) ने काव्यपाठ किया    |

दूसरी काव्य श्रृंखला बुद्धवार 4 नवंबर 2020 को बालाघाट में संपन्न हुई जिसमें डाॅक्टर किशोर सोनवने अनीस , सैय्यद मस्तान इकबाल , भूपेश भ्रमर , कृष्ण कुमार मिश्रा सुबोध , कृष्ण कुमार भालाघरे – बालाघाट एवं रूपचंद्र जुम्हारे रूप (गोंदिया- महाराष्ट्र) ने भव्य काव्यपाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया , तीसरी साहित्य श्रृंखला की कड़ी में अनिल राही के मार्गदर्शन में भगवताचार्य आचार्य रजनी निखिल (भोपाल-मप्र) के द्वारा शुक्रवार 6 नवंबर 2020 को साहित्य में आध्यात्मिक स्वरूप की व्याख्या करने हेतु आदरणीया रजनी का व्याख्यान हुआ , संस्थापक के आदेशानुसार संस्था द्वारा सभी साहित्यकारों को सम्मान – पत्र देकर सम्मानित भी किया गया     |