मोड़ उपन्यास के लोकार्पण समारोह के साथ हुआ कवि सम्मेलन

मुंबई  | निर्मला फाउंडेशन के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार,दैनिक हिंदमाता  समाचार पत्र के पूर्व संपादक मधुराज मधु के सामाजिक परिवर्तन पर आधारित क्रांतिकारी उपन्यास “मोड़” का लोकार्पण समारोह जयंतीलाल वैष्णव मार्ग मनपा हिन्दी शाला खोत गल्ली घाटकोपर (पश्चिम) मुंबई के सभागृह में सभी वरिष्ठ समाजसेवियों,साहित्यकारों की उपस्थिति में उनके कर कमलों से संपन्न हुआ ।
समारोह की अध्यक्षता डाॅक्टर महेंद्र (हिन्दी विभागाध्यक्ष SNDT महाविद्यालय मालाड) ने की,विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डाॅक्टर माधव पंडित (प्राचार्य मुंबई कालेज) के साथ डाॅक्टर कुसुम चौधरी (सर्वकष कालेज आफ एजुकेशन चेंबूर),डाँक्टर बाबूलाल सिंह (समाजसेवी मुंबई),डाँक्टर ऊषा यादव (समाजसेवी),बाबूराम पाल(समाजसेवी),नामदार राही(वरिष्ठ पत्रकार, संपादक हरित क्रांति पत्रिका),एडवोकेट किलाचंद यादव (अध्यक्ष-यादव महासभा मुंबई), डा. अन्ना मलाई (पूर्व नगर सेवक) एवं सम्मानित अतिथि के रूप में हरिश हराया (प्रधानाध्यापक, पटकथा लेखक,गीतकार व फिल्म कलाकार) उपस्थित थे ।
“मोड़” उपन्यास की विशेषता पर वक्ता के रूप में राम अवतार यादव ( शिक्षक, साहित्यकार) ने मधुराज मधु की लेखनी को खूब सराहा और कहा यदि किसी को  कुछ सीखना है तो मधु जी से सिखे , मोड़ उपन्यास एक क्रांतिकारी उपन्यास है जो समाज में फैले कुरीतियों को दूर करके नवचेतना लाने के साथ ही साथ समाज में परिवर्तन लायेगी, वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोचन सिंह अरोरा  ने मधुराज मधु को श्रेष्ठ उपन्यासकार बताते हुए उनकी लेखनी को खूब सराहा और वक्ता के रूप में चंद्रवीर वंशीधर यादव (शिक्षाविद, महासचिव- यादव महासभा मुंबई) ने मोड़ पर अपने वक्तव्य में कहा कि यह उपन्यास मानव जीवन में बदलाव लाने में सार्थक सिद्ध होगा क्योंकि आज मनुष्य अपने मार्ग से भटका हुआ है जो किसी न किसी मोड़ पर वह अपनी मंजिल को पाने में सफल होगा ।
उक्त उपन्यास की प्रस्ताविकी श्रीमती शशिकला पटेल (निर्मला फाउंडेशन की अध्यक्ष एवं प्रोफ़ेसर आर आर एजुकेशन ट्रस्ट मुलुंड) ने पढ़ी समारोह दो सत्रों में विभक्त था , पहला सम्मान समारोह के साथ पुस्तक लोकार्पण और दुसरा सत्र कविगोष्ठी  संपूर्ण समारोह के  मंच संचालन की जिम्मेदारी डाॅक्टर अमर बहादुर पटेल (महासचिव- निर्मला फाउंडेशन) ने बहुत ही सुन्दर ढंग से निभाई वरिष्ठ साहित्यकार मधुराज मधु ने अपने वक्तव्य में अपनी जीवनी, साहित्यिक सफर को रखा और मोड़ उपन्यास पर अपने विचार रखे और समारोह में उपस्थित सभी साहित्यकारों,पत्रकारों,एवं  अतिथियों को अपना अमूल्य समय प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया ।
दूसरे सत्र में उपस्थित कवियों में जवाहरलाल निर्झर,त्रिलोचन सिंह अरोरा,रवि यादव, प्रेम जौनपुरी, जाकिर हुसैन रहबर, विनय शर्मा “दीप”, कुलदीप सिंह दीप,पूनम खत्री,डा. मृदुला मिश्र आदि ने श्रोताओं को अपनी सुन्दर रचनाओं से मंत्रमुग्ध कर दिया ।