रसड़ा सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही आई सामने , देखिए पूरी रिपोर्ट

बलिया |     बलिया जिले के रसड़ा स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र अपनी बदहाली पर बहा रहा है आंसू , जी हां हम आप को लेकर चल रहे हैं रसड़ा सरकारी अस्पताल की , जहां पर साफ सफाई की बात करें तो हॉस्पिटल की चारो तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है यही नहीं हॉस्पिटल के अंदर प्रसव कक्ष में भी काफी खून और यूज़ किये दस्ताने दिखे यहां पर जिस रूम में बेड पर महिला मरीजों को भर्ती किया जाता है उस रूम से इतनी बदबू आ रही थी कि उसमें 1 मिनट रहना भी दुश्वार है लेकिन महिला मरीजों को उसी बेड पर भर्ती किया जाता है बेड की चादर भी इतनी गंदी थी की महिला मरीज और उसके नवजात शिशु को कोई दूसरा संक्रमण हो सकता है हॉस्पिटल के लगभग हर कक्ष और बाथरूम में काफी गंदगी देखने को मिली यहां पर सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है यहां के डॉक्टर व कर्मचारियों की बात करें तो आए दिन देर से आते हैं और कभी कभी अनुपस्थित भी रहते हैं जिसमें अनिल राम कंप्यूटर ऑपरेटर और एक्सरे टेक्नीशियन गायब मिले यहां पर कभी कर्मचारी गायब मिलते हैं तो कभी एक्सरे फिल्म , इंजेक्शन , दवाइयां गायब मिलती   |

वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश सिंह कुशवाहा का कहना है कि यहां की सारी दवाइयां यहां के कर्मचारियों द्वारा बेच दी जाती है यहां पर इमरजेंसी मरीजों के लिए ना तो ऑक्सीजन की व्यवस्था है ना ही आवश्यक दवाओं की , यहां पर मरीजों को केवल रेफर किया जाता है इसलिए यह हॉस्पिटल रेफर हॉस्पिटल बन चुका है वही आशा बहुओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि यहां पर डॉक्टरों द्वारा कमीशन खोरी के चक्कर में जांच और दवाइयां बाहर की लिखी जाती हैं और हम आशा बहूओ के साथ भी काफी दुर्व्यवहार होता है यहां पर ना तो बैठने के लिए कोई साधन है नाही रात्रि में विश्राम की कोई व्यवस्था , हॉस्पिटल के ही स्टाफ द्वारा आशा बहुओं के साथ काफी भेदभाव किया जाता है जिससे आशा कार्यकर्ताओं में काफी रोष देखने को मिला उनका कहना था कि हम लोग रात दिन मेहनत करते हैं और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले आते हैं जहां पर उनसे डिलीवरी के नाम पर 1000 से 2000 तक की अवैध वसूली भी की जाती है और जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थी की धनराशि भी उनके खाते में नहीं पहुंचती , उन्होंने कहा की अधीक्षक के संरक्षण में बिना रजिस्टर्ड अवैध प्राइवेट हॉस्पिटल खुले हैं जो मरीजों से मोटी रकम वसूल उनका शोषण करते हैं जिसकी शिकायत उन्होंने सी.एम.ओ. सहित अन्य अधिकारियों को भी की लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई , वहीं इस पूरे मामले पर हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर पी.सी. भरती का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा अगर सफाई और अन्य किसी भी मामले में अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी अब देखना यह है की क्या होती है दोषियों पर करवाई या केवल कार्रवाई के नाम पर होती है खानापूर्ति       |

रिपोर्ट : उमाकान्त विश्वकर्मा