वृहद सास-बहु सम्मेलन – सास बहू का प्यार – घर मे लाये बहार

ठाणे  ।।  साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में समस्त ठाणा तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में वृहद सास बहू सम्मेलन का आयोजन हुआ , पीलें व लाल परिधानों में सास-बहुओं की जोड़ी सूरजमुखी एवं गुलाब के पुष्पों के भाँति खिल रही थी  ।

आकर्षण पैदा करनेवाली ये उपस्तिथि सबके लिए चित्ताकर्षक बनी हुई थी , इस कार्यक्रम में समाजसेविका व पूर्व सांसद संजीव नाईक की धर्मपत्नी कल्पना नाइक प्रमुख अतिथी एवं अ. भा.म मंडल के कन्यामंडल की सहप्रभारी तरुणा बोहरा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए ।

साध्वी आणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा परिवार रिश्तों के समवाय का नाम है ,  इस समवाय के दो घटक तत्व है – सास और बहू  जिसे परिवार रूपी रथ के दो मजबूत चक्र कह सकते हो , परिवार रूपी नदी के दो किनारे है सास और बहू , सास बहू के आपसी सम्बधों में सरसता, सहजता व सजगता का अवतरण पूरे परिवेश में समरसता भर सकता है , सास बहू का प्यार घर परिवार में नई बहार ला सकता है  ।

दोनों के बीच सौहार्द, समझदारी और धीरज का आलम्बन पूरे परिवार में प्रसन्नता का वर्णन कर सकता है दोनों एक दूसरे की अहमियत को समझकर परिवार में स्नेह का वातावरण निर्मित करले तो परिवार में खुशहाली के दीप जल सकते है  , सास अपनी बहुओं की वात्सल्य की धारा में अवगाहन करवाकर अपने बहुओं को परिवार के संस्कारों के अनुकूल ढाल सकती है, बहु विनम्रता का दरिया बनकर नए परिवेश में आनंद के शतदल खिला सकती है   ।

विनय व वात्सल्य के द्वारा सास में माँ का रूप और बहु में बेटी का रूप नजर आ सकता है , अगर ऐसा हुआ तो घर परिवार मंदिर से कम नही होगा , साध्वी मंगलप्रज्ञाजी ने कहा रिश्तों के दुनिया में सास बहू का रिश्ता बहुत महत्त्वपूर्ण है , सास बहू दोनों के भीतर प्रमोद भावना का विकास होना चाहिए ।

दोनों एक दूसरे के गुणों को व्यक्त करें ताकी रिश्तों में प्रगाढ़ता बानी रहे , दोनों की सोच सकारात्मक बनी रहे अगर ये दोनों गुण सास बहू में आ जाये तो घर परिवार का वातावरण रसमय बन सकता है , संबधो में मधुरता आ सकती है  ।

मुख्य वक्ता तरुणा बोहरा ने कहा परिवार एक तालाब की तरह है , तालाब सुख जाता है टी उसमे दरारे आ जाती है , जब जीवन रूपी तालाब में विनय व वात्सल् का जल सुख जाता है तो रिश्तों में दरारें आ जाती है सास बहू दोनों उन दरारों को मिटाने का प्रया करे और रिश्तों में नई जान भरें ।
मुख्य अतिथि कल्पना नाईक ने अपने जीवन के आधार पर सास बहू को माँ बेटी होने का रोल अदा करने की बात कही , ठाणा महिला मंडल व ऐरोली महिला मंडल ने सास बहू पर रोचक नाटिका प्रस्तुत की , जिसे सुनकर पूरी परिषद हर्ष विभोर हो गई , मुलुंड महिला मंडल ने कव्वाली के द्वारा सास बहू के रिश्तों को समझाने की कोशिश की , कोपरी महिला मंडल ने मंगल संज्ञान किया  ।

ठाणे सेंट्रल से संयोजिका प्रिया मुथा ने स्वागत भाषण दिया। परिषद का संचालन ठाणे सिटी की संयोजिका सिमा सांखला ने किया , कार्यक्रम की सफलता में सिमा सांखला संयोजीका ठाणे सिटी, सहसंयोजिक नीलम संघवी, प्रिया मुथा संयोजिका ठाणे सेंट्रल, सहसंयोजिक रेखा हिंगड़, ठाणे कोपरी से संयोजिका शोभा, सहसंयोजिक निर्मला बोहरा, कल्पना बाफना, निर्मला सोनी वागले एस्टेट से, ममता चंडालिया, कमला सोलंकी एवं उनकी पूरी टीम का सहयोग प्राप्त हुआ ।

आध्यात्मिक राखी मेकिंग मे सरोज श्रीश्रीमाल ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया , दीपिका धोका ने द्वितीय व तृतीय स्थान पे मुलुंड की अरुणा बंदिया रही ,जिसमे निर्णायक की भूमिका में वर्णिका चौराणीय एवं नीलम हिरण रही  ।