समझौते के बाद बिजली कर्मियों की हड़ताल वापस

आजमगढ़ / मुकेश विश्वकर्मा  |   बिजली निजीकरण को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और बिजली विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक में बिजली व्यवस्था के निजीकरण को टाल दिया गया है इसके बाद बिजलीकर्मियों की हड़ताल को कर्मचारी संगठनों ने वापस ले लिया है  विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट सब कमेटी में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ मुख्य सचिव आर के तिवारी और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा मौजूद थे , इनके बीच हुए समझौते के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया है इसके अतिरिक्त पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के विषय में किसी अन्य व्यवस्था का प्रस्ताव भी विचाराधीन नहीं है  ।

समझौते में लिखा गया है- उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगम की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार के लिए कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जाएगी , कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना उत्तर प्रदेश में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा , समझौते में स्पष्ट लिखा गया है कि वर्तमान आंदोलन के कारण किसी भी संविदा कर्मी, विद्युत कर्मचारी, अवर अभियंता एवं अभियंता के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़न कार्यवाही नहीं की जाएगी , आंदोलन के दौरान जिन भी स्थानों पर विद्युत कर्मचारियों, संविदा कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों,अभियंताओं अथवा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों के विरुद्ध विभिन्न थानों में दर्ज हुए मुकदमों को बिना शर्त वापस लिया जाएगा , विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक दुबे ने कहा कि इसी के साथ कार्य बहिष्कार आन्दोलन वापस ले लिया गया है ।