सहधर्मदाय आयुक्त का ऐतिहासिक आदेश

ठाणे  ।  कार्ला लोनावाला स्थित श्री एकवीरा देवी के मंदिर में दानपेटी के ऊपर रखे जाने वाले थाल की प्रथा को पुणे के सहधर्मदाय आयुक्त देशपांडे ने सदा के लिए बंद करने का आदेश बीते दिन मंदिर के पुजारी को दिया , यह जानकारी श्री एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष और शिवसेना उपनेता अनंत तरे ने बुधवार को शासकीय विश्राम गृह में आयोजित एक पत्रकार परिषद के माध्यम से पत्रकारों को दी   ।

बता दें कि, कोली,आगरी,सीकेपी, सोनार, दैवज्ञ ब्राह्मण आदि राज्य के लाखों श्रद्धालुओं की कुलदेवी श्री एकवीरा देवी के मंदिर में स्थित दानपेटी के ऊपर कानून के खिलाफ जाकर पिछले अनेक वर्षों से मंदिर के गुरव (पुजारी) थाल रखकर देवस्थान को होने वाले आर्थिक लाभ पर मौज कर रहे थे , जिस पर कड़ा एतराज जताते हुए श्री एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष व शिवसेना उपनेता अनंत तरू ने पुणे के धर्मदाय आयुक्त व सहधर्मदाय आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की थी   ।

जिसके पश्चात देवी के दान पेटी के ऊपर रखे जाने वाले थाल को सदा के लिए बंद करने का आदेश 19 जुलाई 2019 को गुरव (पुजारियों) को पुणे के सहधर्मदाय आयुक्त देशमुख ने दिया  , इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत तमाम श्री एकवीरा श्रद्धालुओं ने न सिर्फ खुशी से बल्कि साथ ही साथ पुणे के सहधर्मदाय आयुक्त देशमुख और 3 सदस्य प्रशासकीय समिति के सदस्य सहायक धर्मदाय आयुक्त चव्हाण के प्रति आभार भी प्रकट किया ,  बताया जाता है कि एकविरा देवस्थान ट्रस्ट की आर्थिक उत्पन्न काफी कम मिल रही है और उसमें से भी देवी के दान पेटी के 75प्रतिशत मंदिर के गुरव (पुजारी) को मिलता है और केवल 25 प्रतिशत देवस्थान ट्रस्ट को श्रद्धालुओं के सुख सुविधा के लिए रकम मिलता है ।

देवस्थान के 25 प्रतिशत पर अपना निजी स्वार्थ साधते हुए गुरव बंधुओं द्वारा कानून के परे जाकर दान पेटी के ऊपर थाल रख देते हैं जिसके चलते मंदिर को मिलने वाली आर्थिक आय में काफी कमी हुई और श्रद्धालुओं के सुविधाओं को पूरा करने के लिए देवस्थान को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं,  जिस पर न्याय हेतु एक जनहित याचिका 14 श्रद्धालुओं ने हाल ही में मुंबई हायकोर्ट में दायर की है ,और कुछ ही दिनों के अंतराल उक्त जनहित याचिका पर फैसला आने की संभावना है ।

बावजूद इसके गढ़ के ऊपर और गढ़ परिसर में श्रद्धालुओं के लिए श्री एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष अनंत तरे और उनके सहयोगियों के प्रयत्न से एकवीरा देवी के दर्शन व्यवस्था एवं अन्य सुविधाओं को उपलब्ध किया गया   ।
पिछले अनेक वर्षों से गुरव बंधुओं द्वारा दानपेटी के ऊपर थाल रखे जाने की प्रथा को शुरू रखी थी , जिस पर संज्ञान लेते हुए गुरव बंधुओं से देवस्थान के मासिक बैठक में विनती किया गया कि वे दान पेटी के ऊपर थाल प्रथा को बंद करें, लेकिन गुरव बंधुओं ने उसे नजरअंदाज कर दिया  ।

ऐसे में संस्था के विश्वस्त और गुरु प्रतिनिधि विजय देशमुख ने 7 जुलाई 2017 को देवस्थान के अध्यक्ष को बैठक के दौरान एक निवेदन दिया कि, दान पेटी के ऊपर रखे जाने वाले थाल प्रथा को बंद करें और श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्ध कराएं साथ ही 12 गुरवओं की मासिक सेवा बरकरार रखें उक्त निवेदन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई होती उसके पहले ही श्री एकवीरा देवी मंदिर में कलश चोरी की घटना घटी जिस का राजनीतिकरण भी हुआ  ।
श्री एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष अनंत वतरू, और विश्वस्त संस्था के उपाध्यक्ष मदन भोई ,कोषाध्यक्ष नवनाथ देशमुख , सहकोषाध्यक्ष विलास कुटे ने मुंबई हायकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान निर्देश जारी किया था कि ,श्री एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के हर दिन के कार्य हेतु 3 सदस्य समिति का गठन किया  ।
इस 3 सदस्य प्रशासकीय समिति के अध्यक्ष और दीवानी न्यायधीश एवं प्रथम वर्गीय न्याय दंडाधिकारी डांगे , मावल के तहसीलदार और 3 सदस्य प्रशासकीय समिति के सदस्य सचिव रणजीत देसाई और 3 सदस्य प्रशासकीय समिति के सदस्य एवं पुणे के सहायक धर्मदाय आयुक्त एस बी चव्हाण को एकविरा देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष अनंत तरे ने सदा के लिए थाल प्रथा बंद करने का निवेदन दिया था ।

जिस पर 3 सदस्य प्रशासकीय समिति ने विस्तृत मामले पर संज्ञान लेते हुए सहायक धर्मदाय आयुक्त चव्हाण द्वारा दिए गए रिपोर्ट पर धर्मदाय आयुक्त देशमुख ने दान पेटी के ऊपर रखी जाने वाला थाल प्रथा को बंद करने का निर्देश दिया    ।