सिस्टम की मार झेल रहे हैं गांव के गरीब लोग

बलिया |     बलिया जिले के रसड़ा विकासखंड क्षेत्र के पकड़बोझा गांव (रसूलपुर) मे बारिश से एक कच्चा मकान गिर गया जिससे छह मासूम बाल बाल बचे आपको बता दें कि पकड़बोझा गाँव के राजभर बस्ती मे एक परिवार मे सिर्फ छह बच्चे है माता , पिता , इस दुनिया मे नहि है पिता स्वर्गीय बब्बन राजभर व माता स्वर्गीय तेतरी के तीन लड़के वह तीन लड़कियां हैं जिसमें बड़ी लड़की कुमारी 20 वर्ष , राकेश राजभर 18 वर्ष , मुकेश राजभर 16 वर्ष , निर्मला कुमारी 15 वर्ष , रीना कुमारी 13 वर्ष , हरिश्चंद्र 10 वर्ष किसी तरह 6 बच्चे अपना जीवन यापन करते हैं स्वर्गीय बब्बन राजभर 2017 में किसी बीमारी बस इस दुनिया से जा चुके वही माता स्वर्गीय तेतरी 2015 में दुनिया से जा चुकी है सारे बच्चे एक कच्चे मकान में रहते थे तेज बारिश ने उनकी छत भी छीन ली लेकिन शासन प्रशासन और ग्राम प्रधान उनकी स्थिति भी देखने नहीं गए बच्चों के सर से उनके मां – बाप का साया तो पहले ही छिन चुका है लेकिन सरकारी सिस्टम इतना लापरवाह है कि इन बच्चों को एक आवास और उज्जवला योजना के तहत एक सिलेंडर भी नहीं दे सका राजभर बस्ती के लोगों का कहना है कि अधिकारी तो दूर जिसको हमने अपना बहुमत देकर प्रधान बनाया है वह भी हमारे राजभर बस्ती की तरफ नहीं आते पूरे राजभर बस्ती में आधा दर्जन से ज्यादा मकान गिर चुके हैं जिसमें एक घर में रखें बर्तन बक्से राशन सामग्री इत्यादि करीब 50000/- का सामान दबकर नुकसान हो गया है तो वही गांव में रोड पर कचरा और गंदे पानी का जलजमाव है लेकिन गरीब और असहाय लोगों की ना ही ग्राम प्रधान से कोई मदद मिलती है और ना ही शासन प्रशासन से , कुछ लोग ऐसे ही मिट्टी के मकान में अपना जान जोखिम में डालकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं लेकिन अभी तक ग्राम प्रधान द्वारा उनको आवास भी नहीं आवंटित कराया गया एक तरफ सरकार गरीबों को आवास देने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ गांव में आवास के नाम पर बड़ा खेल खेला जा रहा है यहां ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आवास पात्रों को नहीं अपात्रों को दिया जाता है        |

रिपोर्ट : उमाकांत विश्वकर्मा