सोनू सूद को एक पेशेंट को न बचा पाने का है दुःख 

मुंबई |       सोनू सूद ने कोरोनो महामारी के दौरान देश भर में बहुत लोगों की मदद की है जैसे किसी को अपने घर तक जाने में तो किसी को मेडिकल सेवाएं उपलब्ध कराने में , हालांकि उन सभी जरूरतमंद लोगों में से कुछ ऐसे भी हैं जिनके लिए वह अपने सारे प्रयासों के बावजूद अधिक नहीं कर सके , एक इंटरव्यू के दौरान सोनू ने बताया कि सारे प्रयासों के बाद भी वो नागपुर की रहने वाली भारती को नहीं बचा पाए और ये उनके लिए बहुत दुखद था , बता दे कि सोनू सूद ने कहा कि नागपुर की रहने वाली भारती नाम की ये 25 साल की लड़की थी , वो एक वॉरियर थी और एक महीने से अधिक समय तक कोरोना के साथ शेरनी की तरह लड़ी , यहां तक ​​कि मैंने उसे एक यूनीक ई.सी.एम.ओ. ट्रीटमेंट के लिए नागपुर से हैदराबाद के अपोलो हॉस्पिटल तक भिजवाया , लेकिन यह उसके लिए आसान नहीं था और वो अंत तक लड़ी और कभी उम्मीद नहीं छोड़ी , काश मैं भारती को बचा पाता , वो ऐसे ही मामलों में से एक है और ऐसे कई हैं जिन्होंने जिंदगी की तरफ उनकी इनक्रेडिबल एनर्जी , विल पावर और डिटरमिनेशन से मेरे दिल को छुआ है मुझे आशा है कि मैं उन सब के साथ जस्टिस कर सकूं जिसने मुझ पर अपना विश्वास और भरोसा रखा है            |

जिसके बाद सोनू ने कहा कि पिछले साल जब मैंने देखा कि प्रवासी श्रमिक बड़े – बड़े शहरों से अपने होमटाउन तक पैदल जा रहे थे , तब इस घटना ने मुझे हिला दिया था , मैंने उन विजुअल को देखा और मुझे इससे लगा कि मुझे उनकी मदद करने की कोशिश करनी चाहिए , यह सब वहीं से शुरू हुआ और तब से मैं और मेरी टीम इस महामारी में लोगों की मदद करने की हर संभव कोशिश कर रही है        |

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