477 बच्चों को आरपीएफ ने बचाया

ठाणे | रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) ने पिछले 7 महीनों में मध्य रेल के स्टेशनों के रेलवे प्लेटफॉर्म से भागे हुए 477 बच्चों को बचाया है और उनके माता – पिता से मिलवाया है इसमें मध्य रेल के स्टेशनों के रेलवे प्लेटफॉर्म से 310 लड़के और 167 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता से फिर मिल गये हैं उनमें से ज्यादातर किसी लड़ाई या कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या ग्लैमर की तलाश में अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशन आ गए वे रेलवे सुरक्षा बल के प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा या कभी-कभी ट्रेनों में भी प्लेटफार्मों पर या रेलवे स्टेशनों के पास घूमते पाए गए , कई माता – पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता और आभार व्यक्त करते हैं |

अनिल कुमार लाहोटी , महाप्रबंधक , मध्य रेल ने कहा कि भागे हुए बच्चों से जुड़कर रेलवे उनकी समस्याओं को समझकर और उन्हें अपने परिवार के साथ जाने के लिए परामर्श देकर सामाजिक जिम्मेदारी की अपनी भूमिका निभा रही है उन्होंने आर.पी.एफ. और फ्रंटलाइन स्टाफ की भी सराहना की जो ऐसे मामलों को उनकी सहज समझ के साथ पहचान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और परामर्शदाता के रूप में तत्काल कार्रवाई करते हैं मध्य रेल में जनवरी से जुलाई 2021 तक बचाए गए बच्चों का मंडल – वार विवरण निम्नानुसार है |

1.मुंबई मंडल के 166 बच्चे (104 लड़के और 62 लड़कियां)
2.भुसावल मंडल 70 बच्चे (39 लड़के और 31 लड़कियां)
3.नागपुर मंडल के 40 बच्चे (22 लड़के और 18 लड़कियां)
4.पुणे मंडल 171 बच्चे (130 लड़के और 41 लड़कियां)
5.सोलापुर मंडल 30 बच्चे (15 लड़के और 15 लड़कियां)

अकेले जुलाई 2021 में मध्य रेल में 73 बच्चों (47 लड़कों और 26 लड़कियों) को बचाया गया और उनके माता-पिता से मिला दिया गया और दिनांक 24.7.2021 को लगभग 11.00 बजे ड्यूटी पर ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई) श्री नरेंद्र मिश्रा को कल्याण और लोकमान्य तिलक टर्मिनस के बीच ट्रेन नंबर 03201 में अकेले यात्रा करने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की मिली , लोकमान्य तिलक टर्मिनस पहुंचने पर टी.टी.ई. ने उन्हें ड्यूटी पर तैनात महिला आर.पी.एफ. सु.श्री. बी. पाटीदार और चाइल्डलाइन संगठन की सु.श्री. शारदा कांबले को सौंप दिया , बबलू कुमार ने चाइल्ड लाइन स्टाफ की उपस्थिति में अपना नाम शीतल (बदला हुआ नाम) बताया और कहा कि वह पटना , बिहार में रहती है और मुंबई में मॉडलिंग/अभिनेत्री में करियर बनाने के लिए बिना किसी को बताए घर से भाग गई है बाल सुधार गृह , डोंगारी को चाइल्डलाइन स्टाफ सुश्री शारदा कांबले और महिला आर.पी.एफ. कांस्टेबल पूनम तिवारी ने आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दिया एवं एक अन्य घटना में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की अपनी मां के डांटने के बाद महबूबनगर जिला आवास से भाग गई , वह ट्रेन नं. 06524 निजामुद्दीन-यशवंतपुर एक्सप्रेस पुणे में आर.पी.एफ. कांस्टेबल शशिकांत जाधव और महिला कांस्टेबल सु.श्री. पी. श्रीवास ने उन्हें दिनांक 14.07.2021 को हडपसर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पाया , पूछताछ करने पर लड़की ने अपना नाम गीतांजलि (बदला हुआ नाम) बताया वह केवल तेलुगु बोलती थी , उसके द्वारा दिए गए नंबर पर उसके चाचा से संपर्क किया गया , इसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए आर.पी.एफ. कांस्टेबल जाधव और लेडी कांस्टेबल सुश्री पी. श्रीवास द्वारा लड़की को साथी एन.जी.ओ. को सौंप दिया गया |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *