इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि खुद अतिक्रमण करने वाला न करे न्याय की उम्मीद

इलाहाबाद |     इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि खुद अतिक्रमण करने वाला व्यक्ति साम्या न्याय (इक्विटी) के अधिकार की अपेक्षा नहीं कर सकता है उसे इसके आधार पर न्याय नहीं दिया जा सकता है हाईकोर्ट ने गांव सभा की जमीन पर अवैध कब्जा कर बने स्कूल की जमीन के बदले दूसरी जमीन देने के प्रस्ताव पर विचार करने का आदेश जारी करने की मांग में दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है , यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र ने श्यामदेव की याचिका पर दिया है याची का कहना था कि उसने आजमगढ़ की सदर तहसील के देवरिया खालसा गांव में गांव सभा की जमीन पर स्कूल भवन निर्माण कर लिया है इस जमीन के बदले में वह अपनी जमीन देने को तैयार है इस आशय की अर्जी 15 नवंबर 18 को उप जिलाधिकारी को दी है इसके बावजूद प्रशासन स्कूल भवन के ध्वस्तीकरण पर आमादा है याची ने उसकी अर्जी तय होने तक ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने अतिक्रमणकारी को राहत देने से इंकार कर दिया है      |