कोरोनारोधी जंग में डॉ. दिलीप पवार ने बनाया डोनेशन का कीर्तिमान

टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दिया गया दस हजार किट और मास्क
मुंबई । गत छह महीने से मुंबई महानगर कोरोना का कहर झेल रहा है हर स्तर पर इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है जबकि कोरनारोधी जंग में अपना निजी योगदान देकर डॉ. दिलीप पवार राष्ट्रीय स्त पर चर्चा में आए हैं कोरोना रोग विेशेषज्ञ डॉ. पवार मुंबई महानगर के साथ ही अन्य शहरों में भी कोरोनारोधी जंग में अपना योगदान दे रहे हैं इसी क्रम में उन्होंने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में मुंबई में अब तक का सबसे बड़ा डोननेशन दिया है , मुंबई के परेल स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल अस्पताल को दस हजार पीपीई किट और एन ९५ मास्क दिया है , मुंबई में किसी निजी डॉक्टर द्वारा कोरोना संकट के समय दिया गया सबसे बड़ा निजी डोनेशन कहा जा रहा है , मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर की उपस्थिति में टाटा मेमोरियल अस्पताल को डॉ. पवार द्वारा यह डोनेशन दिया गया , मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर ने इस अवसर पर कहा कि डॉ. पवार की निजी पहल के महत्व को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है , कोरोना रोगियों के प्रति उनकी आत्मसेवा प्रशंसनीय है , वैसे तो कोरोनारोधी रोधी जंग में उनके निजी आग्रह पर निजी डॉक्टर न सिर्फ सहयोग दे रहे हैं बल्कि आवश्यक साधन और चिकित्सा सामग्रियां उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन डॉ. दिलीप पवार का सहयोग तो टाटा मेमोरियल अस्पताल के लिए राहतकारी बना है इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना के साथ जंग में ऐसी मदद की दरकार है ।
विदित हो कि डॉ. पवार ने सेवाभावी संगठन के सहयोग से टाटा मेमोयिल अस्पताल के  निदेशक डॉ. बनवाली. डॉ प्रमेश. निदेशक टीएमएच और डॉ. बाडवे निदेशक टीएमसी को दस हजार पीपीई किट और एन९५ मास्क सुपुर्द किए आजोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. बनवाली ने कहा कि चिकित्सा सामग्रियां उत्तम दर्जे की है इसके उपलब्ध होने से अस्पताल को काफी राहत मिली है अस्पताल में किट और मास्क उपलब्ध होने से कोरोना से जंग में अस्पताल की जीत होगी साथ ही यहां कोरोना के संभावित प्रसार पर विराम लगेगा इसकी पूरी गारंटी है डॉ. पवार के प्रति महपौर पमडणेकर व टाटा मेमोरियल अस्पताल क पदाधिकारियों ने आभार व्यक्त किया , पवार के योगदानों का जिक्र करत हुए महापौर पेडणेकर ने कहा कि गत छह महीने से डॉ. पवार निजी च्किित्सक होने का चोला फेंक कर सार्वजनिक सेवाभावी डॉक्टर की तरह काम कर रहे हैं कोरोना के खिलाफ उन्होंने मुंबई स्थित कई मनपा आस्पतालों में भी काम किया है , शताब्दी अस्पताल और सेवन हिल्स अस्पताल का उन्हें मानद सलाहकार भी बनाया गया है वे मुंबई के पहले ऐसे चिकित्सक हैं जिन्होंने कोरोना रोग को लेकर शोध किया , अपने शोध में उन्होंने साबित किया कि स्टीम प्रभाव से कोरोना का उपचार किया जा सकता है कई अस्पतालों में उन्होंने स्टीमर का वितरण भी किया जबकि उनके शोधपत्र को लेकर विश्व स्तर पर भी वैज्ञानिकों के बीच चर्चा हो ही है  |
विदित हो कि टाटा मेमोरियल अस्पताल को डोनेशन देकर कीर्तिमान बनानेवाले डॉ. पवार  मुंबई की ही सेवा नहीं कर रहे हैं वे अन्य शहरों में जाकर कोरोना के खिलाफ स्थानीय प्रशसन को मदद दे रहे हैं , टाटा अस्पताल के पहले जब डॉ. पवार को भनक लगी है कि ठाणे महानगरपालिका वेंटिलेटर और किट की समस्या से जूझ रही है तो उन्होंने समय गंवाए बिना  ठाणे मनपा के आयुक्त डॉ. विपीन शर्मा को पहली बार दस वेंटिलेटर तथा दूसरी बार बीस वेंटिलेटर और तीन हजार पीपीई किट डोनेशन के तौर पर दिए , मेडिकल की ऊंची शिक्षा लेकर डॉ. पवार अमेरिका से आए हैं , वे इस समय मुंबई के सेवन हिल्स अस्पताल और शताब्दी अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं , उन्होंने मुंबई के कांदिवली में दो कोविड सेंटर उभारने में विशेष सहयोग दिया है जानकारी के अनुसार डॉ. पवार नियमित तौर पर मुंबई में पुलिस दलो का स्क्रीनिंग और पुलिसकर्मियों का इलाज कर रहे हैं डॉ. पवार के माध्यम से सायन रुग्णालय, सेंट जॉर्ज रुग्णालय, रेड क्रॉस पुणे को पीपीई किट के साथ ही एंबुलेंस उपलब्ध कराया गया है , इतना ही नहीं वाफे के माध्यम से डॉ. पवार ने कोरोना फैलाव रोकने का भी शोध किया है , उनके इस योगदानों को देखते हुए इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने उन्हें कोरोना वॉरियर पुरस्कार से सम्मानित किया है ।