चीनी वायरस तथा चीन देश दोनों से लड़ना है – डॉ. अरूण विजय

ठाणे |  जैन मुनि डॉ. अरुण विजय ने बताया कि दोनों युद्ध की परिस्थिति इस समय समग्र भारत देश एवं भारतीयों पर एक साथ में आई है चीनी वायरस द्वारा परोक्ष युद्ध चल रहा है तथा चीन देश ने इस समय भारत की सीमा पर सेना बढ़ाकर युद्ध का उन्माद बढ़ाकर भारत देश के नाक में दम भर रखा है तथा परिस्थिति इस हद तक विस्फोटक बनाकर रखी है कि कभी भी एक छोटी सी चिनगारी भी युद्ध में परिवर्तित हो सकती है चीनी वायरस जो कि चीन में लैबोरेट्री प्रयोगशाला में जानबूझकर बनाया गया है तथा दुनिया भर में फैलाया गया है बहुत बड़ी साजिश इसके पीछे रची गई है जितने लोग यूद्ध में नहीं मरते हैं उससे कई गुना ज्यादा तो इस चीनी वायरस से लोग मर चुके हैं तथा सेना तो किसी एक ही देश की सीमा पर शस्त्रों से लड़ेगी लेकिन वायरस का यह युद्ध तो दुनिया भर के सब देशों में फैल चुका है सबसे बड़ा आश्चर्य तो इस बात का है कि इतने बड़े क्षेत्रफल वाला देश चीन है वहां चीनी वायरस उनका खुद का बनाया हुआ होते हुए भी चीन में जितना नहीं फैला उससे कई गुना ज्यादा तो दुनिया भर के कई देशों में फैल चुका है  |

गोली रॉकेट मिसाइल कुछ भी न चलाते हूए चीन ने कई अन्य देशों में लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया है आज विश्व भर में करीब डेढ़ करोड़ लोग तो इस चीनी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं कई लाखों मर चुके हैं अब ऐसे वायरस विषाणु की इतनी बड़ी सफलता को देखते हुए शायद ऐसा लगता है कि अब शायद बम मिसाइल तोप गोले पनडुब्बी आदि प्रकार के हथियारों को बनाना बंद करके अब मात्र वायरस विषाणु बनाने की ही स्पर्धा होगी अब समर्थ सक्षम देश शायद ऐसी प्रयोगशाला ऐसे वैज्ञानिक तथा ऐसे विषाणु वायरस ही बनाएंगे और बढ़ाएंगे ताकि वैक्सीन आते आते तो एक – दो साल लग जाए इतने वर्षों में तो लाखों लोग मौत के घाट उतर जायेंगे बम , गोले , सबमरीन , फाइटर प्लेन और मिसाइल आदि बनाने में अरबों खरबों रुपए लगते हैं इसके बजाय विषाणु वायरस बनाकर चारों तरफ फैलाने में तो लाखों रुपए ही लगेंगे और कई गुना ज्यादा लोग मरेंगे क्या इस तरह का यह पहला प्रयोग तो नहीं है ? इसकी सफलता का परीक्षण देखकर समझ कर अब आगे युद्ध करने के तरीके ही बदल जाएंगे ऐसा लगता है चीन जैसे देश ने दोनों में महारथ उपलब्ध कर ली हो ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है भारत किस दिशा में क्या सोचता है ? इस पर आधार है   |