जैन मंदिर में ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन

ठाणे |   ठाणे शहर स्थित कोंकण शत्रुंजय तीर्थ में चल रहे चातुर्मास में विराजित प.पू.आ.सागरचंद्र सागर सूरीश्वर , म.सा के शिष्यरत्न गणिवर्य तीर्थ चंद्रसागर , म.सा.व प्रवचनकार पदम् यश सागर , म.सा.व वल्लभसूरीसमुदाय की साध्वी वर्या रत्नशीला श्रीजी म.सा आदि ठाणे की पावन निश्रा में प्रतिदिन प्रवचन (लाइन) गंगा बह रही है प्रवचन के दरम्यान म.सा.ने श्रोताओं के तीन प्रकार बताए जिसमें प्रथम प्लास्टिक जैसे दूसरा कपड़ा व तीसरा मिट्टी के मटके के समान जैसे कि प्रथम में प्लास्टिक के ऊपर पानी गिरने से गिला हो जाता है व कपड़े से साफ करने से तुरंत सुख जाता है इसलिए पानी भीतर नही उतर सकता है सारे कमी उसको प्रवचन सुनने से कोई फर्क नहीं पड़ता दूसरे में कपड़े जैसे की कपड़ा गिला होता है तो हवा में सुख जाता है प्रवचन सुनने से वैराग्य आता है प्रवचन के दौरान गुरुदेव ने कहा कि यदि संसारी हवा लगने से कपड़ा सुख जाता है उसी तरह से गुरुदेव के मुखारविंद से प्रभु के वाणी को सुनकर अपने भीतर उतार लेना चाहिए   |