ठाणे में टोरंट के आगमन को नहीं स्वीकारेगी शिवसेना, राकांपा और भाजपा

सर्वदलीय बैठक में किया गया टोरंट का विरोध
ठाणे । कलवा, मुंब्रा और दिवा में बिजली आपूर्ति का निजीकरण राजनीतिक संघर्ष का ज्वलंत मुद्दा बन गया है , शिवसेना ने सर्वप्रथम यहां टोरंट के आगमन का सार्वजनिक विरोध किया था ,लेकिन अब शिवसेना के साथ राकांपा और भाजपा भी आ गई है , इसी क्रम में  महावितरण विभाग द्वारा टोरेंट कंपनी को ठेका दिए जाने के विरोध में सोमवार को एक बैठक में सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया ।
 साथ ही सर्वसममत निर्णय लिया गया कि वे सामूहिक रूप से टोरंट के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष में एक साथ रहेंगे , इसके साथ ही सर्वपक्षीय नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदिकलवा, मुंब्रा और दिवा को टोरंट के हवालेकिया गया तो वे सडकों पर उतरकर विरोध आंदोलन करेंगे , साथ ही तीनों स्थानों पर बंद का एलान भी किया जाएगा ।
 ठाणे के सरकारी विश्राम गृह में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित किया गया था , इस बैठक में राकां विधायक जितेंद्र आव्हाड, शिवसेना विधायक सुभाष भोईर, भाजपा विधायक किसन कथोरे, शिवसेना के जिला प्रमुख गोपाल लांडगे, विरोधी पक्षनेता मिलिंद पाटिल, राकां नगरसेवक राजन किणो, शिवसेना नगरसेवक उमेश पाटिल, शिवसेना उपनेता दशरथ पाटिल,नगरसेवक प्रकाश बर्डे, बाबाजी पाटिल,के साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी भी शामिल थे ।
बैठक में शिवसेना विधायक  सुभाष भोईर ने कहा कि कंपनी का भिवंडी में की जा रही बिजली वितरण पर नजर डाला जाए तो स्थिति विपरीत है , इसलिए आज तक यह कंपनी भिवंडी वासियों  को लूट रही है , इसलिए शिवसेना का और दिवा और आसपास के परिसर का विधायक होने के नाते उनका विरोध है , भोईर ने उक्त कंपनी को महावितरण विभाग द्वारा दिए गए लेटर ऑफ इंटरेस्ट को तत्काल रद्द करने की भी मांग उर्जामंत्री से की है |
  कलवा, मुंब्रा और दिवा परिसर में हो रही बिजली चोरी को रोकने के उद्देश्य से अब महावितरण विभाग ने इस परिसर के बिजली का निजीकरण का निर्णय लिया है , इसके लिए टेंडरिंग प्रक्रिया भी की जा चुकी है और एल ओ ई टोरेंट कंपनी को दिया गया है ,इस मुद्दे को लेकर पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस ने विरोध किया था और फिर शिवसेना ने लेकिन अब तरीबन सभी दल इस निजीकरण के विरोध में आक्रामक दिखाई दे रहे है |
 सोमवार को हुई वहीँ राकां विधायक जितेन्द्र आव्हाड ने भी एक बार फिर राज्य सरकार के बिजली विभाग और टोरेंट के विरुद्ध हमला बोला , उन्होंने कहा कि कलवा, मुंब्रा, दिवा, शील, देसाई के साथ-साथ पुरे ठाणे वासियों को बिजली बिल अधिक भेजा जा रहा है , लेकिन सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है |
 महावितरण विभाग तो लुट में जुटी है और अब इसे और लुटने के बल देने के लिए टोरेंट के हाथ में देने का निर्णय लिया है , जोकि मुंब्रा, कलवा, दिवा के रहिवासियों के पर अन्याय है , ऐसे में यदि राज्य सरकार ने अपने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो राकां वागले इस्टेट स्थित महावितरण कार्यालय में ताला लगा देगी |
  जबकि स्वीकृत शिवसेना नगरसेवक राजेन्द्र साप्तेऔर कल्याण जिला प्रमुख गोपाल लांडगे ने भी इस निजीकरण का विरोध जताया और कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में उर्जा मंत्री को पत्र लिखा है और एल ओ ई रद्द करने की मांग की है , जबकि शिवसेना उपनेता दशरथ पाटिल ने मुंब्रा, कलवा और दिवा परिसर को बंद रखने की धमकी दी है |