तस्करो की गाड़ी ने दो लोगो को बुरी तरह से रौंदा 

फरेंदा / पंकज मणि त्रिपाठी |       कनाडियन मटर लदी तस्करो की गाड़ी अनियंत्रित हो कर सड़क की पटरी पर खड़े दो लोगों को रौंदते हुए पेड़ से जा टकरायी , ग्रामीणों ने दोनों घायलों को बनकटी अस्पताल भेज दिया जबकि कोल्हुई पुलिस की निष्क्रियता से क्षेत्र में तस्करी का धंधा बेरोक टोक पनप रहा है आम नागरिक इसे पुलिस की मिलीभगत समझ कर जगह – जगह कोल्हुई पुलिस की खिल्ली उड़ाते नजर आ रहे हैं उनका मानना है कि इसका खामियाजा बेक़सूर नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है इतवार सुबह करीब 7 बजे पिकअप पर लदी कनाडियन मटर ले कर चालक काफी तेज रफ़्तार में कोल्हुई के तरफ से बृजमनगंज की ओर जारहा था , तेज रफ़्तार और कुहासे भरी ठण्ड के वजह से मैनहवा चौराहे के निकट पिकअप अनियंत्रित हो गयी , जिससे सड़क की पटरी पर अपने घर के सामने खड़े कासिमपुर निवासी 55 वर्षीय कलपू व उसकी नतिनी को बुरी तरह पिकअप रौंदते हुए पेड़ से जा टकराई , दोनों घायलों को ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी भेज दिये , हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिये       |

चालक और मटर लदी पिकअप को कोल्हुई पुलिस अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कार्यवाही के लिये थाना कोल्हुई ले आयी , निरंतर कोल्हुई थाना क्षेत्र में तस्करों के आतंक से क्षेत्रीय जनता पूरी तरह त्रस्त है तस्कर इतने मनबढ़ हो चुके हैं कि बेख़ौफ़ होकर रफ़्तार गाड़ियों से तस्करी को अंजाम दे रहे हैं जिसके चपेट में बेक़सूर आकर जिंदगी और मौत से जूझते रहते है गौरतलब है कि कोल्हुई थाना क्षेत्र में तस्करी से आजिज कई बार उपनगर वासी सड़क पर आ चुके है कुछ माह पूर्व कोल्हुई मुख्य तिराहे पर ग्रामीणों ने तस्करो की पाँच गाड़ियाँ पकड़ कर कोल्हुई पुलिस को सौंपे थे , रात दो बजे तक उपनगर में हंगामा भी हुआ था ग्रामीणों ने कोल्हुई पुलिस पर तस्करी कराने का आरोप भी लगाये थे , ग्रामीणों के उग्र तेवर देख पुलिस के पसीने छूट गए थे , सी.ओ. फरेंदा के आश्वासन पर ग्रामीण माने थे फिर भी ढाक के वही तीन पात कोल्हुई पुलिस उस से सबक नहीं ली , परिणाम स्वरूप एक पखवारे पूर्व परसौना के तरफ सेआ रहे तीन वाहनों को एस.एस.बी. के जवानों ने पीछा करते हुए कोल्हुई मुख्य तिराहे पर एक पिकअप लदी मटर को चालक समेत पकड़ कर जमकर धुनाई करते हुए अपने कैम्प कार्यालय ले कर चले गये , कोल्हुई पुलिस उस वक्त बैक फुट पर उक्त तिराहे पर नजर आयी , हास्यस्पद बात यह भी है कि जब नौतनवा के तरफ से तस्करी की गाड़ियाँ चलती हैं तो नौतनवा , सम्पतिहा , एकसडवा फिर कोल्हुई थाना होते हुए बहदुरी के एक किलोमीटर पहले मैनहवा चौराहे तक कैसे आयी यह सोचनीय बात है आखिर सीमा पर स्थिति ये बहादुर क्या 7 बजे सुबह तक नींद में ही थे अथवा इनके द्वारा रस्सी कहीं ढीली तो नहीं की जा रही है जिस का खामियाजा बेक़सूर निरीह जन मानस को भुगतना पड़ रहां है बहरहाल महाराजगंज पुलिस तस्करी पर लगाम क्यों नहीं लगा पारही है यह तो उनके अधिकारी जानें परंतु सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस की क्षबि इतनी धूमिल हो जा रही है जिस से उबरने में काफी समय लग सकता है          |