नौतनवा जरोजेदारों को अल्लाह का इनाम है ईद-शमीम अशरफी

नौतनवा / महाराजगंज  |   नौतनवां ऑल इंडिया उलमा मशाइख़ बोर्ड एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के मीडिया प्रभारी शमीम अशरफी ने देशवासियों को ईद की मोबारकबाद पेश करते हुवे कहा कि रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है ईद सेवइयों में लिपटी मोहब्बत की मिठास का त्यौहार ईद-उल-फितर भूख-प्यास सहन करके एक महीने तक सिर्फ खुदा को याद करने वाले रोजेदारों को अल्लाह का इनाम है मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व न सिर्फ हमारे समाज को जोड़ने का मजबूत सूत्र है बल्कि इस्लाम के प्रेम और सौहार्द भरे संदेश को भी पुरअसर ढंग से फैलाता है मीठी ईद भी कहा जाने वाला यह पर्व खासतौर पर भारतीय समाज के ताने-बाने और उसकी भाईचारे की सदियों पुरानी परंपरा का वाहक है इस दिन विभिन्न धर्मों के लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक दूसरे से गले मिलते हैं, और सेवइयां अमूमन उनकी तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं ।

ईद उल फितर एक रूहानी महीने में कड़ी आजमाइश के बाद रोजेदार को अल्लाह की तरफ से मिलने वाला रूहानी इनाम है ईद सामाजिक तालमेल और मोहब्बत का मजबूत भागा है, यह त्योहार हमारे समाज की परंपराओं का आईना है एक रोजेदार के लिए इसकी अहमियत का अंदाजा अल्लाह के प्रति उसकी कृतज्ञता से लगाया जा सकता है दुनिया में चांद देखकर रोजा रखने और चांद देखकर ईद मनाने की बहुत पुरानी परंपरा है और आज के हाईटेक युग में तमाम बहस- मुबाहिसे के बावजूद यह रिवाज आज भी कायम है व्यापक रूप से देखा जाए तो रमजान और उसके बाद ईद व्यक्ति को एक इंसान के रूप में सामाजिक जिम्मेदारियों को अनिवार्य रूप से निभाने का दायित्व भी सौंपती है  ।

नौतनवा से विजय गुप्ता की रिपोर्ट