प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिसकी पीठ थप थपाई बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने उसका करियर खत्म करने की ठान ली

भदोही |  ब्राह्मणों की सहानुभूति अर्जित करने का प्रयास कर रहे विधायक ने हमेशा ब्राह्मणों को निशाना बनाया डीघ ब्लॉक के तत्कालीन प्रमुख सुधांशु मिश्रा विधु ने 2014 में अपने खेत पर मोदी की सभा कराई , मोदी ने सुधांशु की मंच पर ही पीठ थपथपा कर शाबाशी दी थी , अचानक इलाके के लोगों में सुधांशु मिश्रा का कद बढ़ गया यहीं से सुधांशु और विजय मिश्रा के बीच रस्साकशी शुरू हो गई , सुधांशु का करियर समाप्त करने के लिए विजय मिश्रा ने पूरा जोर लगाया
क्या बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की गिरफ्तारी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है ? क्या बाहुबली विधायक ने ब्राह्मणों की सहानुभूति अर्जित करने के लिए खुद ही अपनी गिरफ्तारी का जाल रचा है ?  कई मामलों में सहअभियुक्त रहा व्यक्ति कृष्ण मोहन तिवारी अचानक विधायक के खिलाफ कैसे हो गया जिसकी एफआईआर पर विधायक की गिरफ्तारी हुई है , ये तमाम सवाल ज्ञानपुर – भदोही की जनता के मन मे तैर रहे हैं , दरअसल विधायक की कार्यशैली और उनके विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की केस हिस्ट्री के बाद सवाल मुखर है कि कई बड़े मामलों में आरोपी व्यक्ति को एक संपत्ति हड़पने के मामले में जेल क्यों भेजा गया , हत्या, अपहरण, दलित एक्ट, कब्जे के कई मामलों में विधायक के खिलाफ आरोपों की सूची पुलिस के पास है , अन्य मामले क्यों नही खोले गए इन सवालों के जवाब में कई पहलू हो सकते हैं इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा फिलहाल बाहुबली विधायक सीधे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ललकार रहा है , माना जा रहा है कि योगी विरोधी नेताओं का समूह विधायक की मदद कर रहा है इसमे कुछ भाजपा के नेता भी शामिल हैं इलाके के लोग नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि जिसने भी बाहुबली विधायक के खिलाफ मुंह खोला उसे इलाका छोड़ने को मजबूर किया गया , कई हत्याओं का सीधा आरोप विधायक के सिर मढ़ा गया इसमे ज्यादातर ब्राह्मण थे लेकिन अपने रसूख और भय के साम्राज्य की वजह से वह कभी भी मजबूती से प्रशासन की गिरफ्त में नही आया जिसकी सरकार बनी वहीं विजय मिश्रा का जुगाड़ बन गया ज्यादातर लोगों ने दबाव में विधायक से समझौता कर लिया कुछ लोगों ने विधायक की कार्य शैली और माफियाराज की परवाह किये बिना उसे चुनौती देने का प्रयास किया , उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी ।

ज्ञानपुर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भदोही की सभा को याद करते हुए बताते हैं कि 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी की सभा कराने को यहां कोई तैयार नही हो रहा था जिसने भी अपनी जमीन सभा के लिए देने का प्रयास किया उसे धमकाया गया , क्योंकि विधायक की बेटी सीमा मिश्रा सपा के टिकट पर भाजपा के बीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं , डीघ ब्लॉक के तत्कालीन प्रमुख सुधांशु मिश्रा विधु ने अपने खेत पर मोदी की सभा कराई मोदी ने सुधांशु की मंच पर पीठ थपथपाई थी अचानक इलाके के लोगों में सुधांशु मिश्रा का कद बढ़ गया यहीं से सुधांशु और विजय मिश्रा के बीच रस्साकशी शुरू हो गई , विधायक ने सुधांशु मिश्रा को ब्लॉक प्रमुख पद से हटाने के लिए बाकायदा अभियान चलाया उनका करियर खत्म करने के लिए हर दांव खेला , खुद उस वक्त के सांसद बीरेंद्र मस्त ने जिलाधिकारी से लेकर कैबिनेट सचिव तक को विधायक के खिलाफ पत्र लिखा लेकिन विजय मिश्रा ने सुधांशु का उत्पीड़न के लिए कोई कसर नही छोड़ी , विधायक और तत्कालीन सांसद मस्त से पर्दे के पीछे समझौते का जिक्र भी इलाके के लोग करते हैं जिसकी वजह से सुधांशु को बाद में ब्लॉक प्रमुख पद से हटाने में विधायक को कामयाबी मिली हालांकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से फिर से ब्लॉक प्रमुख का पद सुधांशु को मिला ।

प्रदेश के तमाम आला भाजपा नेताओं औऱ मौजूदा अध्यक्ष स्वतंत्र देव के साथ काम कर चुके सुधांशु के घर में सपा सरकार में जबरन पुलिस घुसी उन्हें धमकाया गया , इलाका छोड़ने का दबाव बना इलाके के एक बुजुर्ग का कहना कि सुधांशु मिश्रा का कद न बढ़ने पाए इसके लिए हर तरह से उत्पीड़न किया गया , मजबूरी में कुछ समय के लिए सुधांशु अपना पैतृक गांव छोड़कर प्रयागराज स्थित अपने शहर के आवास पर रहकर पार्टी का काम करने लगे , विहिप से जुड़े संतो के काफी करीब रहे सुधांशु से दैनिक यूपी द्वारा संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विधायक का तीखा हमला उनकी हताशा को दिखाता है वे पूर्वांचल में ब्राह्मणों के नेता बनना चाहते हैं ये लोगों को तय करना है कि वे एक अपराधी का एक सन्यासी मुख्यमंत्री के खिलाफ जहर उगलना कितना बर्दाश्त करते हैं सुधांशु ने कहा इलाके में लोग भय की वजह से विधायक के इर्द गिर्द घूमते हैं जिस दिन प्रशासन वाकई में अपराध के खिलाफ ठोस कदम उठाएगा लोगों का भय भी खत्म हो जाएगा ।