भदोही जिले में ‘फर्जी’ गरीबों पर है ‘आपूर्ति’ विभाग की विशेष ‘कृपा’ 

भदोही  ।   कोरोना महामारी के मद्देनजर रखते हुए सरकार ने सभी अन्त्योदय कार्ड धारकों , मजदूरों और श्रमिकों को तीन माह तक नि:शुल्क राशन देने का निर्देश जारी किया है , और यह आदेश प्रभावी भी है और लोगों को मिल भी रहा है , लेकिन इसके बावजूद भी जिले में कोटेदारों के खिलाफ शिकायत का सिलसिला कम नही हो रहा है , और शिकायत सही भी है कि कोटेदार मनमानी करने से बाज नही आ रहे है , लेकिन शिकायत के सापेक्ष यदि कोटेदारों के खिलाफ कार्यवाही का आंकडा देखा जाये तो शायद न के बराबर है ।
इसकी वजह केवल यह है कि इस ‘खेल’ में आपूर्ति विभाग और कोटेदार शामिल है , एक आम आदमी शिकायत करता भी है तो विभाग के लोग झूठा आश्वासन देकर ठंडे बस्ते में डाल देते है , और बेचारा आम आदमी परेशान होकर रह जाता है , जबकि विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी जानते है कि कोटेदार खेल करते है लेकिन फिर भी मौन साधे हुए है , जिले में आलम यह है कि आपूर्ति विभाग सही गरीबों को कम बल्कि ‘फर्जी’ गरीबों पर अपनी विशेष कृपा बनाये है , इसकी वजह यह है कि फर्जी गरीब कोटेदारों का खास है , और यदि कोटेदार उस फर्जी गरीब का अन्त्योदय कार्ड कटाने की हिम्मत करेगा तो कोटेदार की कुर्सी हिलने लगेगी ।
इसलिए बेचारे कोटेदार भी फर्जी गरीबों को संरक्षण देने में विवश है , रही बात आपूर्ति विभाग की पारदर्शिता की तो भदोही जिले में तो नही है बाकी जिलों मे हो तो अलग बात है , अधिकारियों से जब कोई शिकायत करता है तो अधिकारियों का रटा रटाया जवाब मिलता है कि इस बात को संज्ञान में लेकर जांच की जायेगी यदि लापरवाही या मिलीभगत मिलेगी तो कार्यवाही होगी , लेकिन भदोही जिले में आपूर्ति विभाग केवल दो स्थितियों में ‘कार्यवाही’ करता नजर आता जब किसी अधिकारी या कर्मचारी खुद फंसते नजर आता है या जब कोई बडा नेता या अधिकारी दबाव बनाता है , इसके बीच में आपूर्ति विभाग वही करता है जो संकेत कोटेदार के तरफ से मिलता है , इसके इतर आपूर्ति विभाग केवल खानापुर्ति में लगा रहता है , कई बार तो ऐसे मामले देखे गये है कि कोटेदार को बचाने के लिए आपूर्ति विभाग खुद बचाने उतर जाता है ।
भदोही जिले के जिला आपूर्ति अधिकारी को डीघ ब्लाक के एक गांव के एक मामले के बारे में अवगत कराया गया जिसमें एक फर्जी गरीब जो दो दशको से आपूर्ति विभाग की कृपा और कोटेदार की मनमानी से अन्त्योदय कार्ड बनवाकर राशन उठा रहा है लेकिन सूचना के बाद भी आपूर्ति अधिकारी ने कोई कार्यवाही न की , एक बडी बात और देखने को मिली कि विभाग ने कार्यवाही तो कुछ न की लेकिन शिकायत की जानकारी उन लोगों तक पहुंच गई जिसकी शिकायत की गई  यदि कोई सरकार की योजना को सही पात्रों को मिले और अपात्रों का नाम हटे इसकी जानकारी डीएसओ को इसलिये दी गई कि हो सकता है और कर्मचारी लापरवाही करे लेकिन डीएसओ त्वरित कार्यवाही करेंगे , लेकिन यहां तो डीएसओ को दी गई जानकारी भी ‘वायरल’ होकर सम्बन्धित व्यक्ति तक पहुंच गई , आखिर इस तरह की पारदर्शिता को क्या कहा जाये ? विभाग की लापरवाही से ही उक्त फर्जी गरीब मई में फिर राशन उठा लिया लेकिन विभाग अभी मौन साधे हुए है इस बाबत जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि लाॅकडाऊन के दौरान किसी का कार्ड डिलीट नही किया जा सकता है ।
लाॅकडाऊन के बाद ही इसे काटा जा सकता है , जबकि डीएसओ को उसी गांव के एक पात्र गरीब की भी जानकारी दी गई लेकिन विभाग ने आजतक कोई कार्यवाही न की , जब बात होती है तो सभी कहते है कि कोई समस्या हो तो तुरन्त अवगत करायें जबकि आलम यह है कि अवगत कराने के बाद भी आपूर्ति विभाग के जिला के मुखिया ने ही कोई कार्यवाही न की , और फर्जी गरीब शासन प्रशासन के आंख में धूल झोंककर अन्त्योदय कार्ड पर राशन ले रहा है , यह केवल एक मामले की बात नही है , जिले में न जाते कितने अपात्र है जो फर्जी ढंग से कोटेदार की कृपा से सरकार की योजना में पलीता लगा रहे है , और जिले में ऐसे कई सही में पात्र गरीब है जिनको योजनाओं का सही लाभ नही मिल पा रहा है , आखिर क्या कहा जाये भदोही जिले के आपूर्ति विभाग को जो किसी की बात सुनने को तैयार ही नही है , विभाग के लोग पता नही क्या जांच करके पात्रों की सूची बनाते है जिसमें पात्र गरीब छूट जाता है और फर्जी शामिल हो जाते है आखिर इसी तरह की लापरवाही और मनमानी का खेल होता रहेगा तो कैसे मिल पायेगा गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ ?