भाजपा सांसद के उपर लगे हुए फर्जी मुकदमे वापस हो : सुनील पासवान

गोरखपुर / जोखन प्रसाद  |  बांसगांव के भाजपा सांसद व पूर्बी उत्तर प्रदेश के एक मात्र दलित भाजपा नेता की स्वच्छ व साफ सुथरी राजनिति छवि को कोई न कोई षडयंत्रकारी चेहरा के द्वारा कूटनीति के तहत खराब करने की कोशिश की जा रही है इसके विरोध में पासी समाज के द्वारा धरना प्रदर्शन व उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व शासन की होगी , ऐसा कहना चरगावां विकास खण्ड के ब्लाक प्रमुख सुनील पासवान का है कि बांसगांव लोकसभा के भाजपा सांसद दलित नेता कमलेश पासवान की छवि राजनैतिक कारणों से खराब की जा रही है जो व्यक्ति एक बार विधायक और तीन बार लगातार सांसद हो उसके उपर डकैती जैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गोरखपुर पुलिस ने अच्छा नहीं किया है , यदि फर्जी तरीके से दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो इसके लिए पासी समाज के लोग अपने समाज के महानायक कमलेश पासवान को न्याय मिलने तक धरना प्रदर्शन व उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसका सम्पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन के साथ ही साथ जिला प्रशासन की होगी पुलिस पीड़ित के उपर ही मुकदमा दर्ज कर अन्याय कर रही है कुछ लोग जबरिया होप पैनेसिया हास्पिटल पर कब्जा करना चाहते हैं अपने मंसूबे में कामयाब न होने पर भाजपा सांसद की राजनैतिक छवि खराब करने की कोशिश में लगे हैं अब गोरखपुर पुलिस उन्हीं लोगों के साथ मिलकर काम रही है जबकि पासवान एक बार मानीराम से विधायक रह चुके हैं  ।

इसके बाद बांसगांव लोकसभा से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए है वर्तमान में इनके भाई डॉ ० विमलेश पासवान भी विधायक है और इनके चाचा चंद्रेश पासवान एक बार विधायक और उनकी माता श्रीमती सुभावती पासवान एक बार सांसद , जिला पंचायत अध्यक्ष व एक बार विधायक और उनके पिता स्व०ओमप्रकाश पासवान लगातार तीन बार विधायक रहे हो ऐसे में उस परिवार की छवि प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ऐसा हमलोग नहीं होने देंगे , होप पैनेसिया हास्पिटल का मामला न्यायालय में लंबित होने के बावजूद कुछ लोगों ने जबरन कब्जा की कोशिश की ,चुने हुए जनप्रतिनिधि के साथ ही साथ सीधे तौर से एक जाति समुदाय को जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया जिसका विडियो फुटेज भी मौजूद है इसके बावजूद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने सांसद के उपर ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया इसके पूरे मामले में दो दिनों तक गोरखपुर पुलिस क्या कर रही थी उसी दिन सांसद के तरफ से मुकदमा क्यो नही दर्ज किया गया यह एक जांच का विषय है जिनके विरुद्ध साक्ष्य मौजूद था उनके उपर कार्रवाई करने से पुलिस क्यों बच रही थी यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के दलितों के महानायक व बांसगांव के भाजपा सांसद को पुलिसिया कार्रवाई का शिकार होना पड़ रहा है पुलिस को सांसद के उपर दर्ज किया गया सभी मामले वापस लेना चाहिए जिससे पुलिस पर जनता का विश्वास कायम रह सके जनता सब देख रही है जब सांसद के साथ पुलिस ऐसा कर सकती है तो आम जनमानस न्याय से वंचित ही रहेगा ।