लाॅकडाऊन के दौरान बन्द हो शराब की दुकानें- डॉ नीलम मिश्रा

भदोही । गोपीगंज के कठौता निवासी समाजसेवी डा नीलम मिश्रा ने सरकार द्वारा शराब की दुकानों को खोले जाने को लेकर चिंता जताई है। और इसे बंद करने की मांग भी की , मंगरवार को डा नीलम मिश्रा ने कहा कि देश में स्थितियां समझ से परे होती जा रही है , जहाँ देश मे पहले दस हजार मरीज ढाई महिना में मिले थे , इसके बाद अगले दस हजार मरीज आठ दिन में मिले थे , लेकिन अब 11 दिन में बीस हजार मरीज मिले हैं , कहा कि पिछले एक दिन में चार हजार के आसपास मरीज मिले हैं , और 195 लोगो की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी है , अगर पूरे विश्व मे फैली इस महामारी पर गौर करे तो हमारे देश में दूरदर्शिता , लॉक डाउन , सोशल डिस्टेंसिंग , जांच का बढ़ता दायर आदि संसाधनों ने काफी हद तक संक्रमण फैलने में काफी रोक लगाई है , और हम अन्य देशों के मुकाबले काफी अच्छी स्थिति में भी हैं  पर आज लॉक डाउन के तीसरे चरण में सरकार ने जो शराब, गुटका पान मसाला आदि नशे की दुकानों,जिसके पीने से शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है |
बहुत सी बीमारियां, आर्थिक, शारिरिक, मानसिक, सामाजिक, पारिवारिक समस्याएं होती हैं जिस को खोलने का आदेश जारी कर दिया वो सारे सोशल डिस्टेंसिंग कानून को तोड़ते हुए लम्बी लम्बी लाइनों में खड़े होकर कोरोना की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं , प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यो में भेजे जाने के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न होना बहुत बड़ी महामारी की तरफ संकेत करता है , ऐसी स्थिति में जहाँ की दिल्ली के कापसहेड़ा में एक ही इमारत में रहने वाले करीब 60 लोगो का संक्रमित पाया जाना और संक्रमण का पता जांच के करीब दो सप्ताह बाद रिपोर्ट आने से पता चलना जैसे तथ्य चिंतित करते हैं , फिर प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यो तक पहुचाने की मुहिम जब तेज हो गयी है , तब अपने गृह राज्य पहुचे या लौटते हुए कुछ मजदूरों का संक्रमित पाया जाना भी बहुत बड़ी चिंता की बात है , पहले से ही यह आशंका जताई जा रही है कि घर लौट रहे मजदूर अगर जांच में पॉजिटिव पाये जाते हैं तो,यह स्थानीय स्वास्थ्य तंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगा  |
 इन सब के बीच शराब, पान, गुटका, तम्बाकू की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन एक बड़ी समस्या हो गयी है और डाउन के शिथिल होने के बाद भीड़ और जमावड़े पर अंकुश लगाना वाकई कठिन होगा , अभी सख्ती के नए दौर में महामारी के खिलाफ जंग के लिए औऱ अधिक सतर्कता की आवश्यकता है , मांग की कि सरकार को तुरन्त शराब की दुकानों को बंद करना चाहिये तथा प्रवासी मजदूरों को अत्यधिक सावधानी से जांच कर उन्हें उनके गृह जनपदों में पहुचाने की व्यवस्था करनी चाहिये ।