विश्वकर्मा पूजा का छुट्टी न होना दुर्भाग्यपूर्ण संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा विश्वकर्मा पूजा :- अशोक विश्वकर्मा

वाराणसी |     ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा कोर कमेटी की बैठक जिला कार्यालय पर संपन्न हुई बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर सरकार की भेदभाव पूर्ण एवं उपेक्षात्मक नीतियों के प्रति जमकर विरोध जताया बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा आस्था से जुड़े विश्वकर्मा पूजा पर्व के अवकाश हेतु देशभर में प्रजातांत्रिक ढंग से चल रहे लंबे संघर्ष के बावजूद सरकार द्वारा पूजा पर्व के छुट्टी के संबंध में अब तक कोई निर्णय न लिया जाना बहुत ही निराशाजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है जिससे विश्वकर्मा समाज के लोगों में जबरदस्त क्षोभ व आक्रोश है उन्होंने कहा पौराणिक शास्त्रों के अनुसार आदि सनातन धर्म की उत्पत्ति एवं देवी देवताओं के साथ ही भगवान विश्वकर्मा के भी अवतरण का उल्लेख विद्यमान है उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि देश में अनेक पर्व , देवी – देवताओ , संत महापुरुषों राजनेताओं के सम्मान में उनके नाम पर राजकीय अवकाश घोषित है फिर भगवान विश्वकर्मा के साथ सरकार भेदभाव और उपेक्षा क्यों कर रही है ? देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा और उनके वंशजों का सृजन और निर्माण के क्षेत्र में सतत योगदान रहा है विश्वकर्मा समाज की पहचान आस्था संस्कृति संस्कार और स्वाभिमान के प्रतीक देवता है भगवान विश्वकर्मा का अपमान समाज सहन नहीं करेगा बैठक में नेताओं ने  सरकार पर समाज को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी ने भगवान विश्वकर्मा के जीवन चरित को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कह कर उसे आज तक पूरा नहीं किया बैठक में विश्वकर्मा पूजा पर्व 17 सितंबर को पूरे देश में संकल्प दिवस के रूप में मनाने तथा अवकाश होने तक निरंतर संघर्ष जारी रखने का निर्णय किया गया बैठक में प्रमुख रूप से नंदलाल विश्वकर्मा , रमेश विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , एडवोकेट चंद्रशेखर विश्वकर्मा , लोचन विश्वकर्मा , रामकिशुन विश्वकर्मा , राजेंद्र विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , मनोज विश्वकर्मा , श्याम लाल विश्वकर्मा , महेंद्र विश्वकर्मा , भरत विश्वकर्मा , केदार विश्वकर्मा , जय प्रकाश विश्वकर्मा आदि लोग थे   |