वैक्सिन के इंतजार में लाखों लोग मरेंगे आयुर्वेद काढा आज ही अपनाओ -डॉ. अरूण विजय

ठाणे । जैन मुनि डॉ. अरुण विजय ने कहा कि वैक्सीन राह देखते-देखते लाखों लोगों को मौत के मुह में जाना पड़ेगा इसलिए आयुर्वेदिक काढ़ा का सेवन करें , उन्होंने बताया कि आग लगने के बाद कुआं नहीं खोदा जाता है , ऐसा करने वाला मुर्ख कहलाता है , आग लगने के पहले ही यदि पानी का संग्रह करके रखा हो तो वह समझदार आग बुझा सकता है  सब को बचा सकता है , क्या कोरोना फैलाने के पीछे अरबों खरबों कमाने की महेच्छा है ? कोरोना प्राकृतिक प्रकोप नहीं है, ऐसा निश्चित ही हो चुका है , कोरोना से पूरी दुनिया में आज दिन तक एक कुत्ता गाय भैंस बैल घोड़ा गद्धा या पक्षी आदि कोई भी नहीं मारा है ,तो फिर इतने लाखों लोग क्यों मर रहे हैं ? कोरोना कृत्रिम है, यह मानव सर्जित है और खतरनाक साजिश के आधार पर मानव के द्वारा सर्जन किया गया है ।

दुनिया भर में फैलाया गया है , बहुत बड़ी खतरनाक साजिश है , इतना कई लोगों की समझ में आ चुका है ,अब वैक्सिन बनाकर अरबों कमाने की साजिश भी की जा रही है या फिर पहले से ही वैक्सिन बनाकर तैयार रखें हो और लाखों मनुष्य के मरने के बाद ही वैक्सिन बाजार में उतारने का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि वैक्सिन 1 साल के पहले तो बन ही नहीं सकती है, बनने के बाद अरबों लोगों तक पहुंचाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रतिदिन करोड़ों की तादाद में उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा, यह सब छोटी बात नहीं है, मीडिया में प्रतिदिन वैक्सिन की ही बात फैलाई जा रही है, लेकिन जितनी वैक्सिन की बात चलाई जा रही है उसकी 10% भी आयुर्वेद के काढे का प्रचार नहीं किया जा रहा है ।

वैक्सिंन को वर्ष लग जाएगा और इस दुनिया में प्रतिदिन तो क्या प्रति घंटे 200 / 400 के मरने की रफ्तार है, आखिर आज से ही आयुर्वेदिक काढ़ा लेना प्रारंभ क्यों नहीं करना चाहिए ? काले के घटक रूप में सुंठ हल्दी काली मिर्च दालचीनी तुलसी आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, रोज दो बार लोग घरों में ही बना कर ले सकते हैं तो फिर इसका धूम-धड़ाके से चैनल वाले प्रचार क्यों नहीं करते है ? सरकार सख्ती से प्रचार क्यों नहीं करवाती है ? सरकारी अस्पतालों में स्वयं क्यों नहीं उपयोग करती है ? क्योंकि इसमें अरबों खरबों का व्यापार नहीं है, इसमें राजनीतिक रोटियां नहीं सेकी जाती है कितने लाखों लोगों के मरने के बाद ही वैक्सिन आएगी तब अंधाधुंध रुपयों का खेल होगा , आयुष मंत्रालय के कहने के बावजूद भी प्रचार बंद है बड़े आश्चर्य की बात है ।