सभी सरकारी कार्यालयों में मनेगी संत रविदास महाराज जयंती

राज्य के राष्ट्रपुरुष की सूची में रविदास को मिला स्थान 
कामयाब रहा एसआरएसवी संस्था के अध्यक्ष सुनील लोंगरे का संघर्ष 
ठाणे । राष्ट्रीय व्यक्ति की सूची में महाराष्ट्र के चर्चित संत रविदास महाराज का नाम शामिल था, लेकिन महाराष्ट्र राज्य के राष्ट्रपुरुष की सूची में उनका नाम समाहित नहीं था, इस कारण महाराष्ट्र के सरकारी कार्यालयों में उनकी जयंती नहीं मनाई जा रही थी । लेकिन वर्ष २०१९ से महाराष्ट्र में सरकार द्वारा संत रविदास महाराज की जयंती का आयोजन सरकारी कार्यालयों में किया जाएगा ।
इस तरह का आदेश महाराष्ट्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से दिया गया है, राज्यपाल के आदेश पर सरकार ने  परिपत्रक भी जारी किया है, लेकिन इसके लिए संत रविदास समाज विकास संस्था (एसआरएसवी) के अध्यक्ष सुनील लोंगरे ने ठाणे से लेकर मंत्रालय तक लगातार संघर्ष किया है ।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में संत रविदास महाराज जयंती मनाने के आदेश देने के बाद चर्मकार समाज में खुशियों का वातावरण है, इस बारे में जानकारी देते हुए लोंगरे ने बताया कि इस सरकारी फैसले में सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ ही पालकमंत्री एकनाथ शिंदे का अहम योगदान है ।
सर्वप्रथम लोंगरे ने ठाणे महापौर मिनाक्षी शिंदे के समक्ष यह बात रखी कि ठाणे मनपा में सभी महापुरुषों की जयंती मनाई जाती है, लेकिन संत रविदास महाराज की जयंती नहीं मनाई जा रही है ।
नगरसेवक एकनाथ भोईर के माध्यम से लोंगरे ने महापौर मिनाक्षी शिंदे और और पालकमंत्री एकनाथ शिंदे को अवगत कराया,  बाद में एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में सीएम फडणवीस के समक्ष इस मुद्दे को उठाया, उन्होंने राज्य शासन के साथ पत्रव्यवहार किया ।
बाद में राज्यपाल ने सरकार को परिपत्रक जारी करने का आदेश दिया, अब परिपत्रक  भी जारी किया जा चुकाा है, लोंगरे का कहना है कि अब ठाणे मनपा की ओर से भव्य झांकियां रविदास महाराज की जयंती पर निकाली जाएगी ।
 इस बीच एसआरएसवी संस्था की बैठक ठाणे के शासकीय विश्रामगृह में हुई, जिसमें सीएम देवेंद्र फडणवीस, पालकमंत्री एकनाथ शिंदे व सामान्य प्रसासन राज्य मंत्री मदन एरावार तथा  नगरसेवक एकनाथ भोईर  के प्रति समाज की ओर से विशेष आभार व्यक्त किया गया ।
इस बैठक में संस्था के प्रमुख सलाहकार बालाजी कांबळे, महासचिव लक्छ्मण बागडे, दादासाहेब गवळी,विक्रम भोईर, दीपक आवारे, गोपाळ निमोरे, रवी निंबाळकर, संतोष जाधव, रामधार रंगेरे, जनार्दन खांडेकर, नागनाथ सोनवणे, दिनेश जाधव, सुखराम चव्हाण, महादेव शेगावकर, पांडुरंग शेलार, उत्तरेश्वर सुरवसे, प्रकाश चव्हाण, मनोहर राऊत, सुनील गवळी, संदीप खर्डीकर, राम हाबु, विलास बनसोडे, सुनील रोकडे, रामजीवन मंडराई, विजय सोनवणे, भगवानदास मंडराई , अशोक जाधव आदि शामिल थे ।