35 साल बाद भी नहीं बुझी लोगों की प्यास

ठाणे | ठाणे महानगरपालिका की स्थापना के 35 वर्ष बाद भी दिवा की पानी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है इतना ही नहीं इतनी लंबी अवधि के दौरान भी आम लोगों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई है दिवा में पानी की समस्या ठाणे मनपा में सत्ताधारी दल के द्वारा दिया गया उपहार है दूसरी ओर दिवा की समस्याओं को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है जिसको लेकर भाजपा ने ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा को सचेत किया है कि वे दिवा की समस्याओं को लेकर किसी तरह का राजनीतिक दौरा नहीं करें , बेहतर होगा कि अधिकारियों का दौरा गैर राजनीतिक हो तथा उसमें हर दलों की सहभागिता होनी चाहिए , इसको लेकर भाजपा के दिवा शील विभाग अध्यक्ष एडवोकेट आदेश भगत ने ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा को लिखित निवेदन दिया है जिसमें दिवा की आधारभूत समस्याओं का जिक्र और आम नागरिकों को होने वाली परेशानियों का विवरण दिया गया है |

आपको बता दे कि भाजपा ने सवाल उठाया है कि ठाणे शहर में पैदा होने वाले कचरे को डंपिंग के लिए दिवा का चयन किस आधार पर किया गया है जबकि दिवा को ठाणे मनपा प्रशासन हो या ठाणे मनपा में सत्ताधारी दल उन्होंने यहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कभी भी सशक्त पहल नहीं की है इन बातों का जिक्र करते हुए दिवा के स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि ठाणे मनपा की विकास योजनाओं में दिवा को सबसे अंतिम पायदान पर रखा जाता रहा है आज उसी का परिणाम है कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटकना पड़ रहा है एक ओर ठाणे शहर में 27 स्वास्थ्य केंद्र मनपा द्वारा संचालित किया जा रहा है लेकिन मनपा प्रशासन हो या सत्ताधारी दल दिवा के गरीब लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कभी भी प्रयत्नशील नहीं रहा है ऐसा आरोप एडवोकेट आदेश भगत ने लगाया है इस बीच ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा के दिवा दौरे को लेकर स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि सिर्फ दौरे से कभी भी काम नहीं चलेगा , 35 सालों से इस तरह के दौरे हो रहे हैं दुख की बात है कि 35 वर्षों से ठाणे मनपा के अधिकारियों और सत्ताधारी दल के नगरसेवकों ने आपस में मिलकर दिवा में पानी की कृत्रिम समस्या पैदा की है यहां पानी का अवैध व्यापार किया जा रहा है जिससे पानी माफिया के साथ ही उन्हें संरक्षण देने वालों को भी लाभ मिल रहा है |

आगे आदेश भगत का कहना है कि अस्पताल निर्माण के लिए निधियों तक की भी व्यवस्था की जा चुकी है इसके बाद भी अस्पताल निर्माण का काम शुरू नहीं किया जा रहा है जबकि दिवा की आबादी 6 लाख से आगे बढ़ चुकी है गरीब नागरिकों को निजी अस्पताल वाले यहां लूट रहे हैं उनका दर्द मनपा पदाधिकारियों और स्थानीय नगरसेवकों को नहीं है जिस कारण नागरिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए दर – दर भटकना पड़ रहा है इस समय दिवा में शिक्षण ,  ड्रेनेज , डंपिंग , रास्ते , मनोरंजन के साथ ही गटर , नाली और सड़कों की बदतर स्थिति है लेकिन 5 साल गुजर जाने के बाद भी सत्ताधारी दल या उससे जुड़े स्थानीय नगरसेवकों ने दिवा की इन समस्याओं के समाधान के लिए किसी तरह की पहल नहीं की , दिवा के लोगों को सत्ताधारी पार्टी सिर्फ अपना वोट बैंक समझती रही है उसी का परिणाम है जानबूझकर ठाणे मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा का दौरा करवाकर वे स्थानीय नागरिकों को भ्रमित करने के प्रयास में जुट गए हैं इन बातों का जिक्र करते हुए भाजपा के दिवा शिल विभाग अध्यक्ष एडवोकेट आदेश भगत का कहना है कि इस समय दिवा की जो स्थिति है उसे देखते हुए आम नागरिकों में गहरा आक्रोश है जिस कारण सत्ताधारी दल ठाणे मनपा के अधिकारियों का दौरा करवा कर वाहवाही लेने के प्रयास में जुटे हैं लेकिन दिवा की जनता सारी सच्चाई को समझ रही है एडवोकेट आदेश भगत ने इस बात का भी जिक्र किया है कि ठाणे मनपा आयुक्त विपिन शर्मा एक कुशल प्रशासक हैं लेकिन सत्ताधारी दल उनके किसी भी निजी प्रयास को दिवा में सफल नहीं होने देंगे , प्रशासनिक पहल का भी राजनीतिक दुरुपयोग किए जाने की पूरी संभावना है इस आलोक में भगत ने आयुक्त डॉ. शर्मा से मांग की है कि वे दिवा किसी राजनीतिक दौरे पर नहीं आकर एक अधिकारी के तौर पर आएं , यहां की आधारभूत समस्याओं के निदान में वे अपनी गहरी रुचि लें , दिवा के नागरिकों को विश्वास है कि भले ही सत्ताधारी दल ने सदैव दिवा की उपेक्षा की लेकिन दिवा के बल पर ठाणे मनपा की सत्ता भोगी लेकिन उन्होंने दिवा की उपेक्षा ही की आज उसी का परिणाम है कि दिवा के हर नागरिक आधारभूत समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं ऐसी स्थिति से मुक्ति बिना प्रशासनिक पहल के नहीं मिल सकती है इन बातों का जिक्र करते हुए एडवोकेट भगत ने आग्रह किया है कि विकास कामों का दौरा नहीं कर दौरा इस बात पर केंद्रित होना चाहिए कि दिवा की आधारभूत समस्याओं का निदान कैसे किया जाए |

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