चार साल के सेवाकाल में मनपा आयुक्त जायसवाल ने बहाई विकास की गंगा

समर प्रताप सिंह
ठाणे । ठाणे मनपा में संजीव जायसवाल लगातार चार साल सेवा दे चुके हैं , इस अवधि में मनपा आयुक्त के तौर पर उन्होंने जो काम किया, उसकी गवाही स्वयं ठाणे शहर दे रहा है ।
 चार साल के दौरान शहर को उन्होंने विकास का चमत्कारिक उपहार भी दिया , दूसरी ओर उक्त अवधि के दौरान जायसवाल को कई बार विरोधों का सामना भी करना पड़ा ।
लेकिन  शहरहित के आगे न झुकते हुए उन्होंने यहां विकास की नई इबारत लिखी । इससे इंकार नहीं किया जा सकता है , वर्तमान ठाणे के साथ ही भविष्य के ठाणे की संकल्पना को नजर में रखते हुए उन्होंने प्रशंसनीय प्रशासनिक कार्य किए ।
 यही वजह रहा है कि राजनीतिक स्तर पर भी उनकी कार्यशैली की सराहना होती रही है, वैसे सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी होने के बाद भी अपने काम के दम पर जायसवाल ने शिवसेना के साथ ही राकांपा का भी विश्वास जीता ।
 अगर सच कहा जाए तो राकांपा जायसवाल के साथ हर कदमों पर खड़ी रही है, लेकिन  जायसवाल के प्रशासनिक नजरिए की दाद देनी होनी होगी कि अपने चार सालों के सेवाकाल में उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर अपने शुभचिंतकों की फौज खड़ी कर ली है ।
 तभी तो कहा जा रहा है कि ठाणे मनपा के वे ऐसे पहले आायुक्त हैं जिन्हें इस तरह का अविस्मरणीय सम्मान  और समर्थन हर स्तर पर मिला है , ठाणे मनपा का आयुक्त का पदभार संभालने के बाद से लेकर अब तक यही नजर आ रहा है कि जिस सपने को लेकर ठाणे आए थे, उन्हें किसी भी कीमत पर साकार करने के लिए संकल्पबद्ध रहे ।
 अवरोधों का वे लगातार सामना करते रहे , लेकिन जायसवाल के कदम पीछे नहीं हटे, चार साल के दौरान उन्होंने ठाणे शहर को अंतरराष्ट्रीय स्वरुप देने का प्रयास किया , काफी हद तक उन्हें सफलता भी मिली है ।
 उनके द्वारा ठाणे शहर में प्रस्तुत कई विकास  योजनाएं किसी न किसी रूप में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में बी बनी रही है , इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता है ।
बोल रही दीवारें की कहावत को ठाणे मनपा आयुक्त जायसवाल ने वास्तविकता के धारातल पर उतारकर अनोखी पहल की ।
 जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर भी काफी सराहना हुई , आज ठाणे शहर की दीवारें  सच में बोल रही हैं, दीवारों को रंगो और ठाणे को सजाओ उपक्रम के कारण आज स्थिति ऐसी है कि शहर की दीवारें स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की कूची के कारण इंसानों से बात कर रही है ।
 मिझेल रूलेगा संस्था के माध्यम से उन्होंने इस उप्क्रम को साकार किया , इसके साथ ही आंतरिक जल यातायात को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी , जल यातायात के लिए डीपीआर तैयार करने की जिममेदारी उनको ही दी गई , अपने सहयोगी अधिकारियों के साथ मिलकर जायसवाल ने इस काम को भी पूरा किया है , इससे ठाणे के साथ ही पालघर जिले को फायदा मिलेगा , जल यातायात से ठाण के ग्रामीण भागों को विशेष लाभ मिलेगा ।
 कल्याण से वसई-विरार बोट से जाने में ४० मिनट लगेंगे तो कल्याण-डोंबिवळी-दुर्गा डी किला मार्ग से मीरा-भाइंदर  पहुंचने में केवल २५ मिनट लगेंगे , शहर के नागरिकों के लिए रेलवे मार्ग, बस मार्ग, रिक्षा मार्ग और मेट्रो मार्ग के साथ ही  सागरी मार्ग यातायात की सुविदा भी उपलब्ध होगी ।
 जल वाहतुक प्रकल्प के साथ ही ठाणे मनपा ने वॉटर फ्रंट डेवलपमेंट भी शुरू किया है, इसमें  साकेत,बाळकुम,कळवा शास्त्रीनगर,पारसिक रेतीबंदर,कोपरी कोलशेत,नागला बंदर,कावेसर वाघबीळ जैसे सात क्षेत्रों को शामिल किया गया है ।
इसके साथ ही ठाणे शहर को देश के स्मार्ट सिटी की सूची में भी शामिल किया गया है , जिसे देखते हुए जायसवाल ने प्रयास किया कि ठाणे शहर को देश में एक विशिष्ट पहचान मिले ,  उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रारुप में कई विकास योजनाओं को समाहित किया ।
 जिसके तहत ठाणे शहर में  मेट्रो  रेल्वे , टाटा कॅन्सर हॉस्पिटल की सुविधा, तालाबों का सुशोभिकरण, आर्कषक एलईडी लाईट्स, न्यूयार्क शहर की तर्ज पर ठाणे में  35 एकर भूखंड पर सेन्ट्रल पार्क , महिलाओं के वसतिगृह, बहुमंजिली पार्किंग सुविधा, बहुस्तरीय यातायात सुविधा , पादचारी  पुूल, क्रीडा सुविधा , सायकल लेन, भूमिगत गटर,  मलनि:सारण केंद्र,  पानी आपूर्ति के साथ ही अन्य आधारभूत सुविधाों का समावेश है ।
जबकि स्मार्ट सिटी योजना में  क्षेत्राधारित विकास,पुर्नविकास के साथ ही  पॅनसिटी सोल्युशन को भी शामिल किया गया है ।
 क्षेत्राधारित विकास में ठाणे  रेलवे स्टेशन परिसर,नौपाडा,पाचपाखाडी,खारकळ,आळी, उथळसर भागों को समाहित कर उसमें  सॅटीस (ठाणे पूर्व),स्टेशन परिसर,नौपाडा,पाचपाखाडी,खारकळ,आळी, उथळसर शामिल है ।
 इसमें  सॅटीस (ठाणे पूर्व), वॉटर फ्रंट (ठाणे स्टेशन से कळवा ब्रीज), मेंटल हॉस्पिटल के निकट नवीन स्टेशन के साथ ही पूरे परिसर में आधारभूत सुविधाओं का जाल और सौरउर्जा प्रकल्प का समावेश है ।
 विकास प्रारुप में  वागळे इस्टेट परिसर, किसन नगर का समावेश है , पॅन सिटी सोल्युशन में वायफाय, स्मार्ट  मिटरिंग,डीजी कार्ड, सीसी टी.व्ही,बस के लिए  आय टी एमएस को भी समाहित किया गया है ,  क्षेत्राधारित विकासके लिए  5235 और पॅनसिटीके लिए 169 करोड़ खर्च किए जानेवाले हैं ।
आयुक्त जायसवाल के सेवा काल में मनपा ने लेक फ्रंट विकसित किया है ,  ट्राफिक इम्प्रोवमेंट स्कीम, बायो डायव्हर्सिटी पार्क, आयटीएमएस ,ईआरपी, एलईडी स्ट्रीट लाईट, पेडेस्ट्रीयन इम्प्रुव्हमेंट्स, नालाबांधनी आदि का काम भी चर्चा मे बना रहा है ।
सोलर रुफटॉप,अर्बन रेस्ट रूम,ऑनलाईन परर्फोर्मन्स  मॉनिटरिंग प्रकल्प शुरू है , ड़ीजी ठाणे का फायदा ठाणेकर ले रहे हैं , शहर  में  वडाळा से कासारवडवली  अंतर्गत मेट्रो के साथ ही पीआरटीए प्रकल्प भी निश्चित किया गया है ।
 शहर में क्लस्टर योजना की शुरुआत  कर दी गयी  है , भविष्य में इससे ३२ लाख घर बढ़ेगे , लोगों को खुद का घर मिलेगा , क्लस्टर योजना में शहर को प्रशस्त क्रीडांगण,सांस्कृतिक केंद्र, सुरक्षा, महिलाबचत गट के लिए  स्वतंत्र जगह, कम्युनिटी सेंटर, सिटी सेंटर, टाऊन सेंटर अशा का समावेश है ।
 जायसवाल के सेवाकाल में पोखरण रोड. वागले रोड और मुंब्रा रोड आदि का विस्तारीकरण किया गया , श:हर में चिल्ड्रेन ट्रैफिक पार्क बनाया गया है , घोडबंदर के कावेसर परिसर में अर्बन जंगल साकार किया गया है ।
 यानी अपने चार साल के सेवाकाल में ठाणे मनपा आयुक्त के तौर पर काम करते हुए संजीव जायसवाल द्वारा विकास की गंगा शहर में बहाई गई है , यह अ्तिशयोक्ति नहीं बल्कि सच्चाई है ।