जायसवाल हटाओ आंदोलन की तैयारी में जुटे कांग्रेसी , जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष किया जाएगा आमरण अनशन

ठाणे  । ठाणे मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल को लेकर एक बार फिर ठाणे के कांग्रेसी नए सिरे से एकजुट हो रहे हैं , कांग्रेस की मांग है कि ठाणे शहर से जायसवाल का तबादला किया जाए , वैसे तीन साल का सेवाकाल समाप्त होने के बाद बी एक साल का अतिरिक्त समय भी दिया गया ।
लेकिन राज्य सरकार उनकी बदली को लेकर गंभीर नहीं है , जिस कारण कांग्रेसी नए सिरे से इसको लेकर विरोध आंदोलन करने जा रहे हैं , इस संदर्भ में जानकारी देते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी सदस्य मिलिंद खराडे ने बताया है कि आगामी १३ फरबरी, २०१९ को ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष ठाणे मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल की बदली को लेकर आमरण अनशन किया जाएगा ।
इसको लेकर जिलाधिकारी कार्यालय और ठाणे पुलिस आयुक्त को लिखित तौर पर सूचित कर दिया गया है , खराडे का आरोप है कि जब से जायसवाल ने ठाणे मनपा आयुक्त का पदभार संभाला है तब से मनपा की हर विकास योजनाओं में सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार हो रहा है , इसके साथ ही गरीबों पर प्रशासनिक अत्याचार भी हो रहे हैं ।
जायसवाल हटाओ आंदोलन के संदर्भ में जानकारी देते हुए खराडे ने मीडिया को बताया कि गत चार साल के दौरान ठाणे शहर में जितने विकास कार्यों को अंजाम दिया गया है, उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है , इसका ताजातरीन उदाहरण थीम पार्क घोटाला बना हुआ है , विदित हो कि जायसवाल के खिलाफ अब तक ठाणे कांग्रेस द्वारा खराडे के नेतृत्व में ठाणे मनपा कार्यालय के साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय के सामने भी विरोध आंदोलन किए गए , इतना ही नहीं राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी इन बातों से अवगत कराया गया ।
लेकिन राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया , उल्टे जायसवाल को ठाणे में एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया , जिसके खिलाफ कांग्रेस ने विधानसभा भवन के सामने भी विरोध आंदोलन किया था , गत डेढ़ साल से ठाणे के कांग्रेसी नेता जायसवाल हटाओ आंदोलन कर रहे हैं , इस बारे में खराडे का कहना है कि सीएम फडणवीस ठाणे मनपा आयुक्त संजीव जायसवाल पर मेहरबान हैं ।
जिस कारण उसके तबादले की जगह उन्हें सेवा विस्तार दिया गया है , लेकिन सेवा विस्तार की अवधि भी समाप्त हो गई है , इसके बाद भी जायसवाल की बदली दूसरे स्थानों पर नहीं किया जा रहा है , दूसरी ओर राज्य सरकार का जायसवाल के प्रति नजरिया देखते हुए कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि आखिर एक साल का सेवा विस्तार समाप्त होने के बाद भी उनका तबादला क्यों नहीं किया जा रहा है , खराडे ने इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है ।
साथ ही कहा गया है कि राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण जायसवाल जनभावनाओं का भी अनादर करते आ रहे हैं , विकास योजनाओं का लाभ बड़े लोगो को मिल रहा है , गरीब जनता का शोषण हो रहा है , उसी का परिणाम है कि आज मुंब्रा आदि में आदिवासियों और वन विभाग की जमीन पर भूमाफिया जबरन अवैध कब्जा कर रहे हैं , उसके खिलाफ मनपा प्रशासन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की ।
मिलिंद खराडे का आरोप है कि गत चार सालों के दौरान विकास योजनाओं के नाम पर ठेकेदारों, अधिकारियों तथा राजनेताओं ने आर्थिक लूटपाट की है , जब तक जायसवाल की विदाई नहीं होगी तब तक जारी भ्रष्टाचार को रोक पाना संभव नहीं है , ऐसा उनका आरोप है , अपनी आवाज राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर ठाणे के कांग्रेसी एकजुट होकर  आगामी १३ फरबरी से ठाणे जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष जायसवाल हटाओ की मांग को लेकर आमरण अनशन करने जा रहे हैं ।