दृढ़ मनोबल वाला व्यक्ति ही लक्षित मंजिल को प्राप्त करता है – साध्वी आणिमाश्रीजी

मासखमण तप अभिनंदन

ठाणे   ।  साध्वी श्री आणिमाश्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी के सानिध्य में ठाणा तेरापंथ भवन में जुली नितिन कोटडिया का मासखमण तप अभिनंदन का भव्य कार्यक्रम समायोजित हुआ, जिसमे सैकडों भाई बहनों ने तपस्वी की तप अनुमोदना की ।

इसी अवसर पर राजुल महावीर ढ़ेलडिया ने अढ़ाई का एवं रीना संदीप कोटडिया ने एकासन मासखमण का प्रख्यान किया ।
साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा अन्तर्मुखी चेतना का जागरण करती है तपस्या भवसागर से पार उतरने का सशक्त अवलंबन है   ।

तपस्या दीर्घ तपस्याओं का क्रम में मासखमण तप की विशिष्ट महत्ता है , मजबूत संकल्प बल सुदृढ़ मनोबल चरित्रात्माओं की प्रेरक ऊर्जा और पारिवारिक सहयोग तप की सफलता के सोपान बन जाते है , तपस्या के पथ पर गतिमान इन कदमों की अनुमोदना कर्म निर्जरा का साधन बनती है   ।

तपस्या के बाद भी खाद्य संयम की साधना चले जुली ने छोटी उम्र में उइ मासखमण कर तप की ख्यात में अपना नाम स्वर्णक्षरों मे अंकित किया है , ये महादानी परिवार की पुत्रवधू है , मुनि अमृतकुमार, मुनि अभिजितकुमार, समणी निर्वाणप्रज्ञा व समणी चैतन्यप्रभा की नातिलि है , इनके पति नितिन भी तेरह की तपस्या कर जुली के मनोबल को बढ़ाया है , दोनों तप के क्षेत्र में बढ़ते रहना , राजुल ढ़ेलडिया भी अढ़ाई की भेंट लेकर आई है ।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञजी ने कहा तपस्या वह ज्वाला है, जो कर्म रूपी कचरे को जलाकर आत्मा को कुंदन बनाती है, जुली, नितिन व राजुल ने कर्म निर्जरा के पथ का वरण कर सभी को तप के लिए प्रेरित कर रही है
साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी सुधाप्रभा, साध्वी स्मतव्यशा एवं साध्वी मैत्रीप्रभा ने मासखमण तप अनुमोदना गती की प्रस्तुति दी ।
ठाणे सभा के सहमंत्री पवन ओस्तवाल व नितिन जैन ने अपने विचार व्यक्त किये , निर्मल ओस्तवाल ने श्रहेया महाश्रमणिवरा के संदेश का वाचन किया महिला मंडल ने सुरीले गीतों की प्रस्तुति दी , विमल गादिया, कमलेश दुग्गड़, नरेश बाफना, विकाश आच्छा, अमृत श्रीश्रीमाल, विकास डुंगरवाल व ललित कोठारी ने अति शानदार गीत का संगान कर तपस्वी के तप की अनुमोदना की  ।