नववर्ष की पूर्व संध्या पर भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे की काव्य-गोष्ठी सम्पन्न 

ठाणे |        भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वावधान में विगत कई वर्षों से साहित्यिक , सामाजिक , सांस्कृतिक संस्था द्वारा मुंबई , ठाणे , नवी मुंबई सहित भारत के सभी प्रदेशों से अतिथियों के रूप में वरिष्ठ साहित्यकारों , कवियों , पत्रकारों व समाजसेवियों की उपस्थित में काव्यगोष्ठी होती आ रही है पूर्व की भांति इस वर्ष के दिसंबर के अंतिम माह के अंतिम शनिवार दिनांक 26 दिसंबर 2020 को मुन्ना विष्ट कार्यालय सिडको ठाणे (पश्चिम) में वरिष्ठ कवि आ. भुवनेन्द्र सिंह बिष्ट , आ. तिलकराज खुराना , डॉ. वफा सुल्तानपुरी , शिल्पा सोनटके , अनीता रवि , उमाकांत वर्मा , रामाशंकर यादव , सुशील कुमार सिंह एवं रामप्यारे सिंह रघुवंशी की उपस्थिति में लॉकडाउन का पालन करते हुए रघुवंशी के संचालन और विनय सिंह , विनय शर्मा दीप , ओमप्रकाश सिंह , शिल्पा सोनटक्के , प्रभा शर्मा सागर , अनिल कुमार राही , रामप्यारे सिंह रघुवंशी व संजय द्विवेदी के आयोजन , संयोजन में काव्यपाठ हुआ , अंत में रघुवंशी के आमंत्रण गीत तुम चले आना की प्रस्तुति , आभार तथा तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ काव्यसंध्या का समापन किया गया        |

थाना का मौसम अज़ब हौ सुहाना |
न तनिको प्रदूषण , न कौनो फसाना |
बस सर-सर हवाएँ, बदन चूमती हैं  |
चमन में ये कलियाँ गज़ब झूमती हैं |
न वाहन का रेला , न झगड़ू का ठेला |
सड़क पर न पब्लिक , न कौनो झमेला |
बड़ा शांत बा आज मौसम सुहाना ,
मेरे यार गोष्ठी में तुम चले आना       |