फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नई दिल्ली, एएनआइ । Fake News फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है , वकील अनुजा कपूर ने याचिका दाखिल कर फेक न्यूज लिए गाइडलाइंस बनाने और जिम्मेदारी तय करने की मांग की है , याचिका में कहा है कि कोर्ट गृह मंत्रालय, कानून और सूचना एंव प्रौद्योगिकी( information and broadcasting) मंत्रालय को एक कमेटी गठित करने के लिए निर्देशित करे ताकि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज पर लगाम लगाई जा सके ।

कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज वायरल होने की वजह से ही मॉब लिंचिंग( mob lynching), हत्या के लिए उकसाना, देशद्रोह, सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा मिलता है , इसके अलावा चुनाव में भी फेक न्यूज का असर पड़ता है , याचिका में कहा है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज की वजह से ही अपराध में बढ़ोतरी हो रही है  सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई कानून नहीं हैं   फेक न्यूज को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए गाइडलांइस भी नही है ।

भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है , यह तनाव पुलवामा में भारतीय जवानों पर हुए हमले के बाद से ही जारी है  मंगलवार को भारत द्वारा पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के बाद से सोशल मीडिया पर अपवाहों और फेक न्यूज की बाढ़ सी आ गई है  पिछले दो-तीन दिनों से #BalakotAirStrike #BringbackAbhinandan, #SayNoToWar, #MiG21, #F16, #PakFakeClaim #PakistanPM जैसे ट्विट्स ट्रेंड कर रहे हैं ।

दोनों तरफ से बॉर्डर पर जारी तनाव के बीच सोशल मीडिया पर भी तनाव का दौर चल रहा है  कई तरह के पुरानी तस्वीरें और वीडियो को वायरल किया जा रहा है  हद तो तब हो गई जब एक वीडियो गेम के क्लिप को एयरस्ट्राइक की वीडियो बताकर कई लोगों ने वायरल कर दिया है , तीनों ही प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook,Twitter और Whatsapp पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं  मंगलवार को हुए एयरस्ट्राइक के बाद से India और Pakistan के हैशटैग के साथ लगभग 2.21 लाख ट्वीट किए गए थे ।

अभी हाल में माइक्रोसॉफ्ट ने एक सर्वे में दावा किया था कि फेक न्यूज के मामले में भारत दुनिया भर में शीर्ष पर है  यहां लोगों को सबसे ज्यादा ऑनलाइन फेक न्यूज का सामना करना पड़ता है , लोकसभा चुनाव से पहले माइक्रोसॉफ्ट द्वारा 22 देशों में कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई कि भारत में लोगों को औसतन 64 फीसद फेक न्यूज से सामना होता है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसत 57 फीसद है ।

माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, इंटरनेट के जरिये अफवाहों के विस्तार में भारत का औसत प्रतिशत 54 है, जबकि दुनिया में इसका औसत 42 फीसद है  दोस्तों और परिवार द्वारा फैलाए जाने वाले अफवाह के मामलों में भी नौ फीसद इजाफा हुआ है  यह अब 29 फीसद हो गया है ।