मन से निकलती है आवाज तुम्हारे जैसा कोई नहीं

मुंबई |     शिक्षा के क्षेत्र में कई विद्यार्थियों को पहली से लेकर पी.एच.डी. तक और हजारों छात्रों तथा छात्राओं को स्नातक तक की मुफ्त शिक्षा देने वाले और कई शिक्षकों की भी समय – समय पर आर्थिक रुप से सहायता करने वाले शिक्षा में नि:स्वार्थ रूप से आर्थिक मदद कर फिर उनसे अपना दिया हुआ पैसा नहीं लेने वाले शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव कोई बहुत बड़े करोड़पति नहीं है लेकिन इनका दिल खरबपतियों से भी बड़ा है क्योंकि इनके अंदर हर किसी की नि:स्वार्थ भावना से सहायता करने का भाव है इन्होंने देना सीखा है लेना नहीं , इसका नाजायज फायदा भी उठाने में लोग नहीं चुके हैं यह सच है कि कुछ लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर न होने के बावजूद इन्हें अपनी विभिन्न समस्या बताकर इनसे आर्थिक मदद भी ले चुके हैं इस बात का इन्हें दुख है क्योंकि इनकी रुचि परेशान लोगों की सहायता करने में है न कि ऐसे लोगों की जो परेशान होने का झूठा नाटक करते हैं वास्तव में कुछ लोगों को इनके वजह से स्कूल और कालेजों में भी नौकरी भी मिली है क्योंकि ऐसे लोगों के पास साक्षात्कार देने जाने के लिए पैसे नहीं होते थे , ऐसे लोगों को कपड़े और किराए तो दिए ही साथ ही भोजन भी कराते थे लेकिन आपको आश्चर्य होगा इनमें से कुछ ही लोग इनसे मिलने आते हैं यादव दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद से ही सन 1990 से लेकर सन 2020 तक तीस वर्षों से किसी न किसी माध्यम से सभी की सहायता की है आज इसीलिए तो मन से एक आवाज निकलती है तुम्हारे जैसा कोई नहीं    |