विश्वकर्मा समाज ने जन अधिकार दमन व हिंसा विरोधी दिवस के रूप में मनाया गांधी,शास्त्री जयंती

वाराणसी |     प्रदेश में पूरब से पश्चिम तक बढ़ रहे बेतहाशा हिंसा , अपराध , अत्याचार , बलात्कार की घटनाओं के विरोध में ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ने गांधी शास्त्री जयंती को मुंह पर काली पट्टी बांधकर जन अधिकार दमन एवं हिंसा विरोधी दिवस के रुप में मनाया आज टाउन हाल गांधी भवन स्थित महात्मा गांधी और कस्तूरबा की प्रतिमा पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने माल्यार्पण कर उनके अहिंसा एवं समतामूलक समाज की अवधारणा वाले वैचारिक सिद्धांत एवं कृतित्व की चर्चा करते हुए कहा गांधी और शास्त्री का देश प्रेम एवं उच्च विचारों से ओतप्रोत मानवतावादी सादगी पूर्ण जीवन प्रत्येक कालखंड में सदैव प्रासंगिक रहेगा तथा भेदभाव असमानता अन्याय और दमन के खिलाफ उनका संघर्ष भारतीय लोकतंत्र और जन अधिकार को मार्गदर्शन एवं ऊर्जा प्रदान करता रहेगा उन्होंने हाथरस सहित देश के विभिन्न जनपद एवं क्षेत्रों में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न छेड़छाड़ अनैतिक देह व्यापार बलात्कार एवं हत्या जैसी जघन्य अपराधों की बेतहाशा वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा की योगीराज में जातीय आधार पर शोषण उत्पीड़न अत्याचार और दमन की घटनाओं में सर्वाधिक वृद्धि हुई है जो बेहद चिंताजनक है उन्होंने हाथरस की घटना पर प्रशासनिक रवैया की निंदा करते हुए कहा कि सरकार पुलिस के बल पर पीड़ितों एवं जनप्रतिनिधियों की आवाज दबा कर संवैधानिक जनअधिकारों का दमन कर रही है जिससे समाज में सरकार के कार्यप्रणाली के खिलाफ अविश्वास , भारी उथल – पुथल तथा जन रोष है जिसका खामियाजा आगामी चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ेगा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रीकांत विश्वकर्मा , डॉ. प्रमोद कुमार विश्वकर्मा , नंद लाल विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , एडवोकेट अजय विश्वकर्मा , भैरो विश्वकर्मा , राम किशुन विश्वकर्मा , रमेश विश्वकर्मा , लोचन विश्वकर्मा , सुरेश विश्वकर्मा , महेंद्र विश्वकर्मा , कालिका विश्वकर्मा , बृजमोहन विश्वकर्मा , विजय विश्वकर्मा , मोहित विश्वकर्मा , राजेंद्र विश्वकर्मा , किशन विश्वकर्मा , पंकज अरविंद आदि लोग थे     |