शिवसेना ने दिया बिल्डर को 30 एकड़ जमीन दान में

ठाणे :- जहाँ मोदी सरकार भ्रस्टाचार  को मिटाने की बात करती है वही आये दिन भ्रस्टाचार का मामला उजागर हो रहा है ऐसा ही एक मामला आज ठाणे में देखने को मिल रहा है जिसमे सत्ता धारी शिवसेना ने  तकरीबन 30 एकड़  जमीन को हीरानंदानी को दान में देने का आरोप राष्ट्वादी नेता आनंद परांजपे ने एक पत्रकार परिषद् में लगाया है जिसमे उन्होंने बताया कि आरक्षित भूमी अपने कब्जे में लेकर उस पर नागरी सुविधा देने हेतु निर्माण किया जाना था लेकिन ऐन समय पर प्रस्ताव को बदलकर 30 एकड़ में से मात्र 2500 चौ. मी.भूमी पर सुरक्षित दीवार बांधने का प्रस्ताव मंजूर करके शेष बचे हुए 29.50 एकड़ भूमी बिल्डर को लाभ पहुंचाने का काम सत्ता पक्ष ने किया है । ऐसा आरोप विरोधी पक्ष नेता मिलिंद पाटिल ने  गुरुवार को  महानगरपालिका मुख्यालय  स्थित  विरोधी पक्ष  नेता के कार्यालय में आयोजित  एक पत्रकार परिषद में लगाया है। इस अवसर पर ठाणे शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव व नगरसेवक सुहास देसाई, वरिष्ठ नगरसेवक मुकुंद केणी, शानू पठान आदि उपस्थित थे। आगे आनंद परांजपे ने यह भी कहा कि, जिस तरह बीते दिन सीबीआय के  इमारत की एक  मंजिला को भ्रष्टाचार के चलते  सील करके जांच किया जा रहा है ,क्या उसी तरह ठाणे महानगरपालिका के चौथी मंजिला  पर स्थित शहर विकास विभाग की भी एंटी करप्शन द्वारा जांच किया जाना चाहिए  ताकि बिल्डरों के साथ हो रहे सांठगांठ का भंडाफोड़ हो सके। आगे विरोधी पक्ष नेता मिलिंद पाटिल ने बताया कि, हीरानंदानी इस्टेट स्थित 30 एकड़ की भूमि को  नागरी  कार्यों के लिए  आरक्षित किया गया  था । यह पूरी भूमि  को अपने कब्जे मैं लेने के संदर्भ में उसके अनुसार प्रकरण प्रकरण क्रमांक 366 अनुसार हीरानंदानी इस्टेट स्थित सर्वे  नं. 278 की इस भूमि को कब्जे में लेने के संदर्भ में प्रस्ताव को रखने का निर्णय लिया गया था लेकिन सभागृह नता नरेश म्हस्के ने असली प्रस्ताव को घुमा फिरा कर सर्वे नं.278 /2 ,3 ,4 ,5 में 2500चौ. मी.कि जगह पर 5 टन क्षमता की बायोमिथेशन व बायोकंम्पोस्टींग परियोजना  के  सुरक्षा दीवार  बांधने के खर्चे की मंजूरी का प्रस्ताव रखा और उस बचे हुए शेष भूमि  बिल्डर के हाथों में देने की जानकारी होने के पश्चात उन्होंने उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर  नहीं किया, बावजूद इसके हाल ही में हुए महासभा में इस प्रस्ताव को पारित किया गया। मिलिंद पाटिल ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त भूमि पर  सिव्हरेज (मल:निस्सारण ) परियोजना कार्यान्वित होने से  बांधकाम को अच्छा  भाव न मिलने  के चलते सत्ता पक्ष ने एमसीएचआय को साथ लेकर  बिल्डर को दे दी है । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे ने ठाणे महानगरपालिका के सभागृह नेता नरेश म्हस्के को  चाणक्य का नाम  देते हुए कहा की ठाणे मनपा के सचिव बुरपुल्ले के साठगांठ से महापालिका को  लूटने का  कार्य किया गया हैं। आनंद परांजपे ने पालिका आयुक्त  संजीव जयसवाल से मांग करते हुए कहा कि ,जिस तरह से तत्कालीन आयुक्त टी .चंद्रशेखर ने  गावदेवी स्थित प्रबोधनकार ठाकरे व्यापारी संकुल को जलकुंभ हेतु आरक्षित होने के चलते गिराया गया था क्या उसी तरह की  कार्रवाई इस बार भी की जाएगी। आनंद परांजपे ने  यह सवाल उठाया की,  ठाणे महानगरपालिका अंतर्गत हीरानंदानी इस्टेट स्थित 30 एकड़ की भूमि ,जोकि मल :निसारण और पार्क  के लिए आरक्षित है। ऐसे में ठाणे महानगरपालिका के तेज तर्रार साहसी आयुक्त संजीव जयसवाल उक्त भूमि को अपने कब्जे में ले ताकि ठाणेकरो का विश्वास उन पर बना रहे, क्योंकि जिस तरह जब रोड वाइंडिंग के दौरान बड़े साहस के साथ सड़क पर उतर कर गरीबों का घर तोड़ते थे,तो क्या उसी साहस का परिचय देकर हीरानंदानी इस्टेट स्थित उस 30 एकड़ भूमि को अपने कब्जे में  लेंगे?