कितना खरा साबित होगा कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट :- अशोक विश्वकर्मा

वाराणसी । आज से पूरे देश में लागू कंजयूमर प्रोटेक्शन एक्ट-2019 का नोटिफिकेशन जारी हो गया है नया कानून कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 का स्थान लेगा नए कानून में ग्राहकों को पहली बार नए अधिकार मिलेंगे उपभोक्ता किसी भी न्यायालयों में मामला दर्ज करा सकेगा पहले के कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था सरकार ने इस अधिनियम में कई बदलाव किए हैं ऐसा कहा जा रहा है कि इसे लागू हो जाने के बाद अगले 50 सालों तक देश में कोई और कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी , पहले इस नए कानून को जनवरी महीने में लागू करना था लेकिन किसी कारण से लागू नहीं हो सका फिर डेट बढ़ा कर मार्च महीने में कर दिया गया , मार्च महीने से देश में कोरोना का प्रकोप शुरू हो गया और फिर लॉकडाउन लगने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था |

अब इस कानून के लागू हो जाने के बाद उपभोक्ता से संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी खासकर अब ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी कंपनियों पर भारी पड़ सकती है इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना के साथ ही उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना है अनुचित व्यापारिक गतिविधियों, गुमराह करने वाले भ्रामक या झूठे विज्ञापन जैसे लक्ष्मी धन वर्षा यंत्र बनाने व दिखाने तथा उनका प्रचार-प्रसार करने वालों की खैर नहीं होगी , प्राधिकरण को अधिकार है कि गलत पाए जाने पर 2 वर्ष से लेकर 5 साल तक कैद की सजा के साथ – साथ ₹ 50 लाख तक जुर्माना वसूल सकेगा , नए नियमों के तहत ग्राहक वहां से भी शिकायत दाखिल कर सकेगा जहां वह रहता है उसे वहां जाना जरूरी नहीं होगा जहां से कोई सामान खरीदा है ,  देशभर के उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित उपभोक्ता शिकायतों को हल करने के लिए इस अधिनियम का गठन किया गया है नए कानून में उपभोक्ता शिकायतों को तेजी से हल करने के तरीके और साधन दोनों का प्रावधान किया गया है , 24 दिसंबर 1986 को देश में पहला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया था साल 1993 2002 और 2019 में संशोधन करते हुए इसे और प्रभावी बनाया गया है अब देखना यह है कि यह संशोधित अधिनियम उपभोक्ताओं के हित संरक्षण में कितना कारगर साबित होगा ।