शिवसेना और भाजपा में बगावत मतभेद सिर्फ सतही स्तर पर –  शिक्षा मंत्री आशीष शेलार

ठाणे । महाराष्ट्र विधान सभा  2019 के चुनाव में सिर्फ कुछ स्थानों पर पर  भाजपा  प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत की खबरे हैं , तो वही चंद स्थानों  पर सेना तथा भाजपा प्रत्याशियों में टकराव है , लेकिन  यह मसला आपसी बातचीत में  सुलझा लिया जाएगा   |
   यह मानना महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री आशीष  शेलार का हैं , जो गुरुवार को ठाणे में आयोजित एक पत्रकार परिषद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए , इस  पत्रकार परिषद में भारतीय जनता पार्टी के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष संदीप लेले , भाजपा विधायक व प्रत्याशी संजय केलकर उपस्थित हुए थे ।
        पत्रकारों से बातचीत करते हुए   आशीष   शेलार ने  भरोसा जताया कि, महाराष्ट में भाजपा शिवसेना  सहयोगी दलों के गठबंधन को 220 से भी अधिक  सीटे मिल सकती है , तो वही  राज्य में पालघर जिले में एक युवा महिला  डाक्टर के गढ्ढे में गिरने से मौत होने  पर अफ़सोस व्यक्त करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि सडकों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान  नहीं रखा गया था  ।
 आशीष शेलार ने कहा कि इसके लिए संबंधित अधिकारी ही जिम्मेदार हैं , उन्होंने कहा कि सडकों पर मानसून में हुए गढ्ढो के कारण  हुए हादसों के लिए स्थानीय महानगर पालिका से जबाब तलब करना चाहिए ,
देश की आर्थिक मंदी के बारे में बात करते हुए आशीष शेलार ने कहा कि यह मंदी पहले की सरकार की देन हैं ।
हमारी सरकार ने इस मंदी से निजात पाने के लिए कई कदम उठाए हैं , इससे निबटने के लिए केंद्रीय केबिनेट में बैठक  भी हो चुकी है , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार किसानों द्वारा  कर्ज माफी  पर सवाल उठाने के मुद्दे पर आशीष शेलार ने कहा कि एनसीपी के नेता पहले यह बतायें  कि आघाडी शासनकाल में कितने किसानों का कर्ज माफ़ किया गया था , उन्होंने बताया कि उनके शासन काल  में हुए सहकारी बैंक घोटाले में किसानों के हजारों करोड़ रुपये लुट  गए थे |
148 ठाणे शहर  विधानसभा से एनसीपी प्रत्याशी सुहास देसाई द्वारा अकस्मात् ही नामांकन वापस लेने से क्या मनसे को लाभ मिलेगा तथा क्या एनसीपी का यहाँ पर छुपा हुआ समझौता होने का सवाल पूछे जाने पर भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा कि ,ठाणे शहर विधान सभा में यदि एनसीपी मनसे का कोई छुपा हुआ समझौता होने की उन्हें जानकारी नहीं हैं , लेकिन यदि ऐसा कुछ समझौता हुआ भी  हो तो भाजपा के वोटो पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है , वैसे भी एनसीपी के मैदान में हटने से उसके वोट मनसे को ट्रांसफर हो यह मुमकिन ही नहीं हैं |